भुना हुआ चना भारत में एक लोकप्रिय नाश्ता है, जिसे लोग अक्सर अपनी डाइट में शामिल करते हैं। चने को हेल्दी माना जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर और कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं। लेकिन एक सवाल जो अक्सर लोगों के मन में उठता है कि भुने हुए चने को छिलके सहित खाना चाहिए या बिना छिलके के। आइए डाइटीशियन आयुषी यादव से जानते हैं कि सेहत के लिए कौन सा विकल्प बेहतर है।
भुने चने के छिलके के फायदे
भुने हुए चने का छिलका फाइबर से भरपूर होता है, जो हमारे पाचन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। फाइबर का सेवन करने से कब्ज की समस्या नहीं होती और पेट बेहतर तरीके से साफ होता है। इसके अलावा फाइबर खाने के बाद पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे ओवरईटिंग से बचा जा सकता है। यह उन लोगों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है जो वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं। छिलकों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट भी शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं, जिससे कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचता और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
बिना छिलके वाले चने के फायदे
बिना छिलके वाले चने खाने का एक खास फायदा यह है कि ये पचने में आसान होते हैं। कुछ लोगों को छिलके सहित चने खाने से पेट में भारीपन या गैस की समस्या हो सकती है। खासकर उन लोगों के लिए जिनका पाचन तंत्र कमजोर है, बिना छिलके वाले चने खाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा बिना छिलके वाले चने में सभी जरूरी पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जैसे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स। हालांकि फाइबर की मात्रा थोड़ी कम होती है, लेकिन अन्य पोषक तत्व शरीर को जरूरी ऊर्जा और पोषण प्रदान करते हैं।
स्वास्थ्य के लिए कौन सा बेहतर है?
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भुने हुए चने को छिलके सहित खाना अधिक फायदेमंद होता है, क्योंकि इनमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट अधिक होते हैं। ये तत्व पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं और वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हालांकि, अगर आपको पाचन संबंधी समस्या है या पेट में भारीपन महसूस होता है, तो आपके लिए बिना छिलके वाले चने खाना बेहतर विकल्प हो सकता है। बिना छिलके वाले चने में सभी जरूरी पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।