Rajasthan Police : जब सुरक्षा देने वाले ही बन गए शिकार: टोंक में रेलिंग विवाद और लहूलुहान पुलिस के जवान
News India Live, Digital Desk : राजस्थान के टोंक जिले से एक ऐसी खबर आई है जिसने हर शांतिप्रिय इंसान को चिंता में डाल दिया है। जिस राजस्थान को उसकी संस्कृति और मिलनसार स्वभाव के लिए जाना जाता है, वहाँ एक छोटी सी 'रेलिंग' को लेकर शुरू हुई बात इतनी बढ़ गई कि सड़कों पर सन्नाटे और दहशत ने जगह बना ली। पत्थरबाजी, उपद्रव और घायल पुलिसकर्मी आज टोंक की सुर्खियाँ सकारत्मक नहीं, बल्कि परेशान करने वाली हैं।
आखिर कैसे शुरू हुआ यह पूरा बवाल?
घटना की जड़ में एक मस्जिद की रेलिंग का विवाद बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, दो पक्षों के बीच रेलिंग लगाने या उसे हटाने को लेकर शुरू में बहस हुई थी। स्थानीय लोग बता रहे हैं कि बात सुलझाने के बजाय बिगड़ती चली गई। जो मामला बातचीत की मेज पर हल हो सकता था, वह सड़कों पर पहुँच गया। भीड़ जुटी, नारेबाजी हुई और फिर शुरू हो गया पत्थरबाजी का वो खौफनाक दौर, जिसकी कल्पना शायद वहां के आम लोगों ने नहीं की थी।
खाकी वर्दी पर पत्थर: सुरक्षाकर्मियों का दर्द
इस पूरी घटना में सबसे ज्यादा दुःख की बात यह रही कि मौके पर स्थिति संभालने पहुँचे पुलिसकर्मियों को ही भीड़ का निशाना बनना पड़ा। जब पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ने और शांति कायम करने की कोशिश की, तो उन पर पत्थरों की बारिश कर दी गई। खबर है कि कई जवान इस हिंसा में घायल हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खाकी वर्दी का सम्मान न करना और ड्यूटी पर तैनात लोगों को लहूलुहान कर देना यह बताता है कि गुस्सा किस कदर लोगों की आँखों पर हावी था।
प्रशासन की सख्ती और वर्तमान हालात
घटना के तुरंत बाद पुलिस महकमा और ज़िला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया। आला अधिकारी भारी जाब्ते के साथ प्रभावित इलाकों में पहुँच चुके हैं। फिलहाल इलाके में फ्लैग मार्च किया जा रहा है और संदिग्धों पर पैनी नज़र रखी जा रही है। किसी भी तरह की अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन कड़े कदम उठा रहा है, क्योंकि डिजिटल दुनिया में गलत सूचनाएँ आग में घी का काम करती हैं।
धैर्य और समझदारी की ज़रुरत
राजनीति अपनी जगह है और मज़हबी मान्यताएं अपनी जगह, लेकिन किसी की जान और कानून की मर्यादा सबसे ऊपर है। रेलिंग जैसे मुद्दों पर कानूनी तरीके से बात हो सकती थी, पर हिंसा ने स़िर्फ कड़वाहट और डर दिया है। आज टोंक की उन गलियों में जहाँ कभी चहल-पहल हुआ करती थी, आज वहाँ भारी बूटों की आहट और पुलिस का पहरा है।
समाज के समझदार लोगों को आगे आना होगा और युवाओं को समझाना होगा कि नफरत स़िर्फ तबाही लाती है। उम्मीद है कि जल्द ही दोषियों की धरपकड़ होगी और टोंक में अमन का सूरज फिर से उगेगा। फिलहाल, प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और घरों में सुरक्षित रहने की अपील की है।
--Advertisement--