साँस लेने में जल्दी थक जाते हैं? फेफड़ों की सर्विसिंग कर देगा यह एक योगासन, बस रोज़ाना 5 मिनट निकालें
News India Live, Digital Desk : आज के इस दौर में जहाँ प्रदूषण का स्तर हर साल बढ़ रहा है और हम ज़्यादातर समय कंप्यूटर या फोन पर झुके हुए बिताते हैं, हमारे फेफड़ों (Lungs) पर सबसे ज़्यादा बुरा असर पड़ता है। क्या आपने कभी गौर किया है कि आजकल थोड़े से काम में हमारी सांसें क्यों फूलने लगती हैं? इसकी एक बड़ी वजह है कि हमारे फेफड़ों को उतनी जगह नहीं मिल पा रही कि वे पूरी तरह फैल सकें।
यहीं पर योग हमारी मदद के लिए आता है, और 'धनुरासन' (Dhanurasana) इस मामले में किसी वरदान से कम नहीं है।
धनुरासन और आपके फेफड़े: क्या है गहरा रिश्ता?
धनुरासन यानी 'धनुष मुद्रा'। जब हम यह आसन करते हैं, तो हमारा शरीर पीछे की ओर मुड़ता है और छाती (Chest) पूरी तरह से फैल जाती है। इसका सीधा मतलब यह है कि फेफड़ों के पास हवा भरने के लिए ज़्यादा जगह बनती है। यह सिर्फ एक एक्सरसाइज़ नहीं है, बल्कि आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए एक तरह की 'डिटॉक्स प्रक्रिया' है।
धनुरासन करने के शानदार फायदे:
- ऑक्सीजन लेवल बढ़ाता है: फेफड़ों की क्षमता बढ़ने से रक्त में ऑक्सीजन का संचार बेहतर होता है, जिससे आप पूरे दिन एनर्जेटिक महसूस करते हैं।
- पुरानी खाँसी और दमा में राहत: जो लोग धूल-धुएं की वजह से हल्का-फुल्का सांस की समस्या झेलते हैं, उनके लिए यह बहुत कारगर है।
- पीठ के दर्द से छुटकारा: झुककर काम करने वालों की रीढ़ की हड्डी के लिए यह आसन संजीवनी है।
- पेट की समस्या का अंत: इससे आपके पाचन तंत्र की अच्छी मालिश हो जाती है, जिससे कब्ज और गैस जैसी समस्याएं दूर रहती हैं।
इसे करने का सही और आसान तरीका:
इसे करना सुनने में जितना मुश्किल लगता है, अभ्यास के साथ उतना ही सरल हो जाता है:
- सबसे पहले योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को मोड़ें और पीछे से अपने पैरों के टखनों (Ankles) को हाथों से मजबूती से पकड़ें।
- गहरी साँस भरें और धीरे-धीरे अपने पैर की मांसपेशियों के ज़रिए शरीर को ऊपर खींचें। इस समय आपकी छाती और जांघें ज़मीन से ऊपर होंगी।
- आपका शरीर एक खिंचे हुए 'धनुष' जैसा दिखेगा। सामने की ओर देखें और सामान्य सांस लेते रहें।
- कुछ सेकंड रुकने के बाद धीरे से पुरानी स्थिति में आ जाएं।
सावधानियां ज़रूर बरतें:
किसी भी योग को जबरदस्ती शरीर पर थोपना गलत है। अगर आपको हर्निया, हाई ब्लड प्रेशर, या हाल ही में पेट की कोई सर्जरी हुई है, तो यह आसन न करें। शुरुआत में किसी ट्रेनर की मदद लें तो और भी बेहतर है।
आज जब हम दिसंबर 2025 की ठंड और धुएं वाली हवाओं का सामना कर रहे हैं, तो अपने फेफड़ों का ख्याल रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। सिर्फ 2 से 3 बार इसका अभ्यास आपकी सेहत की दिशा बदल सकता है।
याद रखें, स्वस्थ फेफड़े मतलब एक लंबा और खुशहाल जीवन। तो क्यों न कल सुबह से ही इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया जाए?
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