पीली हल्दी तो सब जानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी चखी है ये काली हल्दी? इसके फायदे जानकर रह जाएंगे दंग
News India Live, Digital Desk : हम सभी की रसोई में 'हल्दी' का एक खास स्थान होता है। चोट लगी हो तो हल्दी वाला दूध और दाल का स्वाद बढ़ाना हो तो चुटकी भर हल्दी ये तो आम बात है। लेकिन क्या आपने कभी 'काली हल्दी' (Black Turmeric) के बारे में सुना है? जी हाँ, ये पीली वाली हल्दी जितनी ही पुरानी है, लेकिन इसकी खासियत और औषधीय ताकत आपको हैरान कर सकती है।
आमतौर पर लोग इसे तंत्र-पूजा या टोटकों से जोड़कर देखते हैं, लेकिन अगर हम इसे विज्ञान और आयुर्वेद के नज़रिए से देखें, तो यह काली जड़ किसी वरदान से कम नहीं है। चलिए जानते हैं कि क्यों इस दुर्लभ हल्दी को 'सुपरफूड' की कैटेगरी में रखा जाता है।
1. जोड़ों के दर्द और सूजन के लिए रामबाण
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है या दिसंबर की कड़ाके की ठंड बढ़ती है, हमारे घुटनों और जोड़ों का दर्द जाग जाता है। काली हल्दी में भरपूर मात्रा में एंटी-इन्फ्लेमेटरी (Antinflammatory) गुण होते हैं। अगर आप गठिया (Arthritis) या मांसपेशियों के पुराने दर्द से परेशान हैं, तो इसका लेप या सही मात्रा में सेवन सूजन को तेजी से कम करने में मदद करता है।
2. साँस की तकलीफों में बड़े काम की
फेफड़ों की सेहत आज के वक्त में सबसे बड़ी चुनौती है। अगर किसी को पुराना दमा (Asthma), जुकाम या फिर खांसी की शिकायत रहती है, तो काली हल्दी के छोटे से टुकड़े का रस या इसका अर्क लेना काफी राहत देता है। ये फेफड़ों को साफ करने और बलगम निकालने में मदद करती है।
3. लिवर और पाचन का ध्यान रखे
अक्सर हम जो भारी खाना खाते हैं, उसका असर सीधे हमारे लिवर पर पड़ता है। काली हल्दी हमारे शरीर के अंदरूनी हिस्से को 'डिटॉक्स' करने का काम करती है। यह पित्त (Bile) के उत्पादन को बढ़ाती है, जिससे खाना आसानी से पचता है और गैस-एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर रहती हैं।
4. स्किन के लिए किसी चमक से कम नहीं
पीली हल्दी का उपयोग हम उबटन में करते हैं, लेकिन काली हल्दी दाग-धब्बे और मुँहासों को दूर करने में ज़्यादा शक्तिशाली मानी जाती है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो चेहरे के जिद्दी निशान और डार्क स्पॉट्स को खत्म करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
5. घावों को तेजी से भरे
पुराने समय में जब युद्ध में घाव हो जाते थे, तब काली हल्दी को पीसकर उस पर लगाया जाता था। इसमें कत्था जैसा एक गाढ़ा रंग होता है, जो इन्फेक्शन को रोकने और चोट को जल्दी सुखाने में मदद करता है।
कैसे करें इस्तेमाल?
चूंकि यह काफी प्रभावशाली होती है, इसलिए इसे बहुत ज़्यादा मात्रा में नहीं लेना चाहिए। आप इसका पाउडर बना सकते हैं या इसका छोटा सा टुकड़ा शहद के साथ ले सकते हैं। बेहतर होगा कि किसी जानकार वैद्य या एक्सपर्ट की सलाह ज़रूर लें, खासकर अगर आप पहले से ही कोई दवा ले रहे हैं।
काली हल्दी सिर्फ एक जड़ी-बूटी नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों की वो विरासत है जो आज के दौर की बिमारियों के लिए एकदम सटीक इलाज पेश करती है। अगली बार अगर आपको ये कहीं दिखे, तो इसकी अहमियत ज़रूर समझिएगा।
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