त्यौहार का दिन और युद्ध के मैदान की गूंज, नाइजीरिया में ट्रंप के कड़े आदेश ने कैसे आतंकियों के होश उड़ा दिए

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News India Live, Digital Desk : आज 25 दिसंबर है, पूरी दुनिया क्रिसमस के जश्न में डूबी है, लोग एक-दूसरे को 'मेरी क्रिसमस' विश कर रहे हैं और सांता क्लॉज का इंतज़ार हो रहा है। लेकिन इसी बीच अंतरराष्ट्रीय गलियारों से एक ऐसी खबर आई है, जिसने साबित कर दिया कि जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो डोनल्ड ट्रंप के शब्द और उनकी कार्रवाई कितनी अलग और सख्त हो सकती है।

जी हाँ, राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर मुस्कुराते हुए और अपनी सिग्नेचर स्टाइल में दुनिया को 'मेरी क्रिसमस' कहा। लेकिन जिस वक्त वे ये संदेश पोस्ट कर रहे थे, ठीक उसी वक्त अफ्रीका के नाइजीरिया में अमेरिकी लड़ाकू विमान और ड्रोन्स अपना काम कर रहे थे। खबर है कि अमेरिकी सेना ने नाइजीरिया में मौजूद आईएसआईएस (ISIS) के कई ठिकानों को अपना निशाना बनाया और वहां जबरदस्त बमबारी की।

क्या ये कोई इत्तेफाक था?
शायद नहीं। डोनल्ड ट्रंप का अंदाज़ हमेशा से 'सीधे वार' वाला रहा है। उनकी ये स्ट्राइक साफ संकेत देती है कि वे त्योहारों की छुट्टियों को आतंकियों की ढाल नहीं बनने देना चाहते। नाइजीरिया में पिछले कुछ वक्त से आईएसआईएस का खतरा बढ़ रहा था। ट्रंप का ये कदम बताता है कि उनके प्रशासन में 'शांति की कामना' और 'आतंक पर वार' साथ-साथ चल सकते हैं।

युद्ध और शुभकामनाओं के बीच की कहानी
आज की ये खबर थोड़ी अजीब सी लगती है। एक तरफ शुभकामनाओं का कार्ड है और दूसरी तरफ धुंआ उगलते आतंकियों के अड्डे। ट्रंप के समर्थकों का कहना है कि ये एक मजबूत नेतृत्व की पहचान है एक ऐसा नेता जो घर पर त्योहार मनाता है लेकिन बॉर्डर पार अपनी आँखें खुली रखता है। वहीं, कुछ आलोचकों का मानना है कि क्या त्यौहार के दिन ये हमले टल नहीं सकते थे?

लेकिन कड़वा सच यही है कि आतंकवाद न तो कैलेंडर देखता है और न ही त्यौहारों पर रहम करता है। ट्रंप की इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि उनका साल 2025 का एजेंडा पूरी तरह 'नो टॉलरेंस' यानी ज़रा भी नरमी न दिखाने वाला है।

नाइजीरिया ही क्यों?
पिछले कुछ समय से अफ्रीका में आतंकी संगठन अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहे थे। नाइजीरिया के दुर्गम इलाकों को वो अपनी ट्रेनिंग का ठिकाना बना रहे थे। आज हुई इस कार्रवाई से अमेरिकी इंटेलिजेंस ने ये जता दिया है कि आप चाहे कहीं भी छुप जाएं, उनकी नज़र आप पर है।

कुल मिलाकर, ट्रंप का 'मेरी क्रिसमस' कहने का ये तरीका आने वाले साल की विदेश नीति का ट्रेलर भर है। यानी जो शांति के साथ रहना चाहते हैं उनके लिए शुभकामनाएं, और जो अशांति फैलाना चाहते हैं, उनके लिए ड्रोन्स तैयार हैं।

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