ठंड है या कुदरत का सितम? बिहार में ऑरेंज अलर्ट का खौफ और ठिठुरते लोग अभी राहत की उम्मीद नहीं
News India Live, Digital Desk : दिसंबर का आख़िरी हफ़्ता शुरू हो चुका है और जैसा हम सब सोच रहे थे कि शायद थोड़ी राहत मिलेगी, हुआ ठीक उसका उल्टा। आज सुबह जब बिहार के लोग जगे, तो खिड़की के बाहर स़िर्फ सफेद धुंध की चादर थी। कड़ाके की इस ठंड ने न केवल हड्डियों को कँपा दिया है, बल्कि आम जनजीवन को भी पूरी तरह से बेपटरी कर दिया है।
ताज़ा अपडेट ये है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बिहार के 26 जिलों में 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। इसका मतलब साफ़ है आज स़िर्फ साधारण ठंड नहीं, बल्कि 'कोल्ड डे' (Cold Day) जैसे हालात रहने वाले हैं। अगर आप पटना, गया या भागलपुर जैसे इलाकों में हैं, तो आज गलन का एहसास पहले से कहीं ज्यादा होगा।
धुंध ऐसी कि हाथ को हाथ न सूझे
सड़कों का हाल तो ये है कि हेडलाइट जलाकर भी 5 मीटर आगे का देख पाना नामुमकिन हो रहा है। कोहरे के कहर (Heavy Fog in Bihar) की वजह से सड़कों पर गाड़ियों की रफ़्तार सुस्त पड़ गई है। मुज़फ्फरपुर से लेकर पूर्णिया तक, हर तरफ सन्नाटा पसरा है क्योंकि लोग स़िर्फ बहुत ज़रूरी होने पर ही घर से बाहर निकल रहे हैं। प्रशासन ने भी हिदायत दी है कि आख़िरी सिगनल तक सावधानी बरतें।
क्यों हो रही है इतनी गलन?
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर-पछुआ ठंडी हवाओं (Cold winds from North) ने बिहार के तापमान को गिरा दिया है। जब आसमान में कोहरा और बादल एक साथ मिल जाते हैं, तो सूरज की रोशनी जमीन तक नहीं पहुँच पाती और यही वजह है कि दोपहर में भी हम सबको अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। पटना का पारा जिस रफ़्तार से नीचे जा रहा है, उसने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड्स की याद ताज़ा कर दी है।
सावधानी ही बचाव है
ये वक्त स़िर्फ कोट और स्वेटर पहनने का नहीं है, बल्कि अपनों का ख्याल रखने का है। घर के बुजुर्गों और छोटे बच्चों के लिए यह सर्दी सबसे ज्यादा ख़तरनाक साबित हो सकती है। स़िर्फ कान और हाथ ढंकने से काम नहीं चलेगा, गरम खाने और गुनगुने पानी का सेवन आज आपकी सेहत के लिए 'फर्स्ट एड' की तरह काम करेगा।
आने वाले एक-दो दिनों तक तो राहत के आसार कम ही नज़र आ रहे हैं। तो हमारी सलाह यही है—अगर बहुत ज़रूरी न हो, तो घर के अंदर ही रहें, चाय की चुस्कियां लें और सुरक्षित रहें। बिहार की ये सर्दी अभी और कई रंगों में हमें तपाने वाली है।
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