एआईजी प्रशांत कुमार को मिली राहत तो बौखलाई SVU, हिसाब करने पहुंच गई सुप्रीम कोर्ट

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News India Live, Digital Desk : बिहार के पावर गलियारों में आज (14 दिसंबर) एक ही नाम की चर्चा है एआईजी प्रशांत कुमार (AIG Prashant Kumar)। आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे इस पुलिस अधिकारी का मामला किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं लग रहा। अभी लग रहा था कि प्रशांत कुमार के लिए बुरे दिन खत्म हो गए हैं और उन्होंने राहत की सांस ली ही थी कि एसवीयू (Special Vigilance Unit) ने नया दांव खेल दिया है।

मामला एक बार फिर गर्म हो गया है, क्योंकि लड़ाई अब पटना से निकलकर सीधे दिल्ली यानी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई है। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर ये पूरा माजरा है क्या।

हाई कोर्ट से मिली थी "बड़ी राहत"

दरअसल, कुछ समय पहले पटना हाई कोर्ट ने प्रशांत कुमार को भ्रष्टाचार के इस मामले में बड़ी राहत दी थी। उनके खिलाफ चल रही कार्रवाइयों पर कुछ हद तक ब्रेक लगा था और गिरफ्तारी या सख्त एक्शन का डर कम हुआ था। एक सामान्य इंसान या अफसर के लिए यह जश्न मनाने वाला पल था। सबको लगा कि जांच एजेंसी अब शायद ठंडी पड़ जाएगी।

लेकिन, बिहार की विशेष निगरानी इकाई (SVU), जो राज्य के 'काली कमाई' करने वाले अफसरों का कच्चा-चिट्ठा खोलती है, वो इस फैसले से बिलकुल खुश नहीं थी।

SVU का मूड: "अभी गेम ओवर नहीं हुआ है"

सूत्रों की मानें तो SVU को लगता है कि उनके पास एआईजी के खिलाफ पक्के सबूत हैं। एजेंसी का मानना है कि जितनी संपत्ति मिली है और जो दस्तावेज मिले हैं, वो चीख-चीख कर गवाही दे रहे हैं कि दाल में सिर्फ कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है।

यही वजह है कि हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए एसवीयू ने बिना वक्त बर्बाद किए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एजेंसी ने देश की सर्वोच्च अदालत में अर्जी (Application) दाखिल कर दी है। उनका कहना है कि अगर ऐसे मामलों में राहत मिलती रही, तो भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई कमजोर पड़ जाएगी।

क्या हैं आरोप?

आपको याद दिला दें कि एआईजी प्रशांत कुमार उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उनके ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। आरोप था कि उन्होंने अपनी आय (Salary) के ज्ञात स्रोतों से कहीं ज्यादा संपत्ति जमा कर रखी है। इसमें आलीशान मकान, जमीन के कागजात और अन्य निवेश शामिल बताए गए थे। एक खाकी वर्दी वाले अफसर के पास इतना "माल" कहां से आया, इसी का जवाब विजिलेंस टीम मांग रही है।

अब आगे क्या होगा?

अब गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में है। एआईजी प्रशांत कुमार के लिए आने वाले दिन फिर से तनाव भरे हो सकते हैं।

  • अगर सुप्रीम कोर्ट ने एसवीयू की दलील मान ली, तो हाई कोर्ट से मिली राहत छिन सकती है।
  • और अगर कोर्ट ने राहत बरकरार रखी, तो यह जांच एजेंसी के लिए बड़ा झटका होगा।

फिलहाल, बिहार के प्रशासनिक अमले में खलबली मची हुई है। हर कोई यही देख रहा है कि कानून की इस लड़ाई में जीत 'रसूख' की होती है या 'सबूतों' की।

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