सालों का वनवास और आंखों में नमी बांग्लादेश लौटते ही तारिक रहमान ने सबसे पहले किसे फोन किया?

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News India Live, Digital Desk : बांग्लादेश की राजनीति इन दिनों किसी सस्पेंस फिल्म की तरह मोड़ ले रही है। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद वहां जो खालीपन आया था, उसे भरने की कवायद अब अपने चरम पर है। इसी कड़ी में एक बड़ी खबर सामने आई है बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान सालों बाद वतन वापस लौट आए हैं। उनके लौटने के साथ ही ढाका में एक नई हलचल महसूस की जा रही है।

वो एक कॉल जिसने सबकी निगाहें खींच लीं
जैसे ही तारिक रहमान ने बांग्लादेश की धरती पर कदम रखा, सबसे पहली चीज जो चर्चा में आई, वो थी उनकी मोहम्मद यूनुस के साथ फोन पर हुई बातचीत। आपको बता दें कि इस समय मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुखिया हैं। दोनों नेताओं के बीच क्या बातें हुईं, इसका पूरा ब्यौरा तो अभी सामने नहीं आया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह बातचीत आने वाले वक्त में देश में होने वाले आम चुनावों की तरफ एक बड़ा इशारा है। यह एक शिष्टाचार कॉल तो थी ही, पर इसमें सियासी तालमेल की भी गूँज सुनाई दे रही है।

पिता की याद में भावुक पल
राजनीति अपनी जगह है, लेकिन एक बेटे के तौर पर तारिक रहमान के लिए यह पल बेहद भावुक रहा होगा। सालों तक अपने देश से दूर रहने के बाद, आज वो अपने पिता—पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की कब्र पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। 17 साल का अरसा बहुत लंबा होता है, और इतने लंबे समय के बाद अपने पुरखों की मिट्टी पर जाना किसी के भी दिल को भर देने वाला लम्हा होता है। उनके समर्थकों में भी इस बात को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है।

क्या अब तस्वीर बदलेगी?
बांग्लादेश फिलहाल एक नाजुक दौर से गुजर रहा है। एक तरफ जम्हूरियत को फिर से पटरी पर लाने की चुनौती है, तो दूसरी तरफ आर्थिक और सामाजिक स्थिरता का सवाल। ऐसे में तारिक रहमान का वापस आना और सीधे तौर पर सरकार के संपर्क में रहना यह बताता है कि आने वाले समय में बीएनपी की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है।

आम जनता क्या सोच रही है?
वहां के आम लोगों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग इसे लोकतंत्र की जीत मान रहे हैं, तो कुछ को डर है कि कहीं फिर से वही पुरानी सियासी रंजिशें न शुरू हो जाएं। लेकिन एक बात तो साफ है कि तारिक रहमान के आने से ढाका की गलियों में राजनीतिक सरगर्मी अब ठंडी नहीं पड़ने वाली।

ये वक्त सिर्फ भाषणों का नहीं है, बल्कि देश को स्थिरता देने का है। अब देखना यह होगा कि तारिक रहमान और मोहम्मद यूनुस मिलकर बांग्लादेश के लिए क्या नया रोडमैप तैयार करते हैं।

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