कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया “सच्ची स्वतंत्रता” वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार को कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान खरगे ने कहा कि यदि भागवत इस तरह के बयान देना जारी रखते हैं, तो देश में उनका घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा।
क्या कहा था मोहन भागवत ने?
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाया जाना चाहिए, क्योंकि सदियों से आक्रमण झेल रहे भारत को उस दिन “सच्ची स्वतंत्रता” मिली थी।
खरगे का कड़ा पलटवार
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा:
- “यह शर्म की बात है कि आजादी के इतने साल बाद भी RSS इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है।”
- उन्होंने आरोप लगाया कि RSS और बीजेपी का स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं रहा।
- “वे न कभी आजादी के लिए लड़े, न जेल गए, इसलिए आजादी उनके लिए महज एक शब्द है।”
- खरगे ने भागवत के बयान को निंदनीय बताते हुए कहा, “अगर वह ऐसे ही बयान देते रहे, तो देश में उनका घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा।”
राहुल गांधी का भी कड़ा बयान
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी भागवत के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे संविधान और स्वतंत्रता संग्राम का अपमान बताते हुए कहा:
- “भागवत का यह बयान राजद्रोह के समान है।”
- “इस बयान का मतलब है कि स्वतंत्रता संग्राम और संविधान अवैध थे।”
- राहुल ने कहा कि “किसी और देश में ऐसा बयान देने वाले को गिरफ्तार कर लिया जाता।”
कांग्रेस मुख्यालय का उद्घाटन
कांग्रेस ने बुधवार को अपने नए मुख्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर खरगे ने कहा:
- “कांग्रेस मुख्यालय देश के लिए लोकतंत्र की पाठशाला है।”
- उन्होंने इसे कांग्रेस के स्वतंत्रता सेनानियों और लोकतंत्र के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
कांग्रेस का आरोप: RSS का स्वतंत्रता आंदोलन से कोई जुड़ाव नहीं
खरगे ने कहा कि:
- “1947 में मिली आजादी आरएसएस और बीजेपी को याद नहीं है, क्योंकि उनके वैचारिक पूर्वज स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा नहीं थे।”
- उन्होंने आरएसएस और बीजेपी पर आजादी के संघर्ष में योगदान न देने का आरोप लगाते हुए कहा कि “हमारे लोग लड़े, बलिदान दिए, इसलिए हम आजादी की कद्र करते हैं।”