सर्दी-जुकाम की होगी छुट्टी हफ्ते में दो बार खाएं सरसों का साग, इम्युनिटी बनेगी लोहे जैसी मजबूत
News India Live, Digital Desk : दिसंबर और जनवरी की कड़कड़ाती ठंड हो, थाली में मक्की की रोटी हो और उस पर ढेर सारा सफेद मक्खन पड़ा हुआ 'सरसों का साग' हो... सोचकर ही मुंह में पानी आ जाता है न? उत्तर भारत में, खासकर पंजाब और हरियाणा के घरों में तो सर्दियां इसके बिना अधूरी मानी जाती हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह साग सिर्फ जुबान का स्वाद नहीं बढ़ाता, बल्कि यह आपके शरीर के लिए किसी 'सुपरफूड' से कम नहीं है? बड़े-बुजुर्ग यूं ही जोर नहीं देते थे साग खाने पर, इसके पीछे गहरे राज छिपे हैं। आइए, आज हम आपको बताते हैं कि क्यों इस हरी सब्जी को सर्दियों का राजा कहा जाता है।
1. इम्युनिटी का असली दोस्त
सर्दियों में सबसे ज्यादा डर सर्दी, खांसी और वायरल इन्फेक्शन का लगता है। सरसों का साग विटामिन सी (Vitamin C) का एक बेहतरीन सोर्स है। यह आपके शरीर की इम्युनिटी को इतना बूस्ट कर देता है कि छोटी-मोटी बीमारियां आपको छू भी नहीं पातीं। यह अंदर से गर्मी देता है।
2. दिल रहेगा खुश और तंदुरुस्त
आजकल की भागदौड़ वाली लाइफ में दिल (Heart) का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। सरसों का साग बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसमें मौजूद फोलेट और मैग्नीशियम दिल की धड़कनों को सही रखते हैं और आपको हेल्दी बनाए रखते हैं।
3. आंखों से हटा देगा चश्मा?
अक्सर हम आंखों की रोशनी के लिए बादाम खाने की सोचते हैं, लेकिन सरसों के साग में विटामिन ए (Vitamin A) भरपूर मात्रा में होता है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों को सुरक्षित रखने के लिए बहुत फायदेमंद है। साथ ही, यह आपकी स्किन पर भी ग्लो लाता है।
4. पेट भरा रहेगा, पर वजन नहीं बढ़ेगा
यह उन लोगों के लिए सबसे अच्छी खबर है जो वजन कम करना चाहते हैं। सरसों का साग फाइबर (Resha) से लबालब होता है। इसे खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती, जिससे आप एक्स्ट्रा कैलोरी खाने से बच जाते हैं। और सबसे अच्छी बात—यह पचने में आसान है और पेट साफ रखता है (कब्ज की छुट्टी कर देता है)।
5. जोड़ों के दर्द में आराम
ठंड में अक्सर पुराने जोड़ों का दर्द (Joint Pain) उभर आता है। सरसों के साग में विटामिन के (Vitamin K) और कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूती देता है।
छोटी सी सलाह:
सरसों का साग बनाते समय हम अक्सर इसमें ढेर सारा घी या तेल डाल देते हैं। स्वाद के लिए थोड़ा मक्खन ठीक है, लेकिन अगर आप इसे सेहत के लिए खा रहे हैं, तो घी की मात्रा थोड़ी कंट्रोल में रखें।
तो अगली बार जब मम्मी या पत्नी सरसों का साग परोसें, तो उसे सिर्फ खाना नहीं, बल्कि सेहत का टॉनिक समझकर एन्जॉय करें!
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