रांची में हड़कंप RIMS की जमीन पर बनीं बहुमंजिला इमारतें अब रडार पर, गुनाहगारों को नहीं बख्शेगा कोर्ट
News India Live, Digital Desk : झारखंड का सबसे बड़ा अस्पताल 'रिम्स' (RIMS), जहां राज्य भर के मरीज उम्मीद लेकर आते हैं, आजकल एक अलग ही वजह से चर्चा में है। यह वजह इलाज नहीं, बल्कि जमीन की 'लूट' है। क्या आप यकीन करेंगे कि रिम्स की जिस जमीन पर अस्पताल का विस्तार होना चाहिए था, वहां कुछ लोगों ने अवैध तरीके से दुकानें, खटाल और यहां तक कि बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दी हैं?
इस मामले को लेकर अब झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने बेहद सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि यह महज एक अतिक्रमण का मामला नहीं, बल्कि एक बड़ा घोटाला लग रहा है। इसलिए इसकी जांच अब स्थानीय पुलिस नहीं, बल्कि एसीबी (ACB) यानी 'एंटी करप्शन ब्यूरो' करेगी।
कोर्ट ने पूछे तीखे सवाल: "बिना मिलीभगत के कैसे बनी बिल्डिंग?"
अदालत ने सुनवाई के दौरान प्रशासन और अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट का तर्क बिल्कुल सीधा और आम आदमी के मन वाला है। जजों ने पूछा कि एक सरकारी जमीन पर कोई अवैध कब्जा कर लेता है, वहां पक्के मकान बन जाते हैं, और प्रशासन देखता रहता है?
सबसे बड़ा सवाल यह पूछा गया है कि— "इन अवैध निर्माणों को बिजली और पानी का कनेक्शन किसने और कैसे दिया?"
जाहिर सी बात है, बिना किसी सरकारी अफसर की मिलीभगत के किसी अवैध बिल्डिंग में सरकारी बिजली का मीटर तो नहीं लग सकता। हाईकोर्ट ने ACB को निर्देश दिया है कि वे पता लगाएं कि इस खेल में कौन-कौन शामिल है।
अब क्या होगा?
एसीबी जांच के आदेश के बाद रांची के भू-माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
- एसीबी अब यह खंगालेगी कि रिम्स की कितनी जमीन पर कब्जा है।
- यह भी पता लगाया जाएगा कि किन अधिकारियों के कार्यकाल में यह निर्माण हुआ।
- नगर निगम और बिजली विभाग की भूमिका की भी जांच होगी।
आम जनता के लिए अच्छी खबर
यह फैसला एक नजीर बन सकता है। रिम्स की जमीन अगर मुक्त होती है, तो वहां नए वार्ड या मरीजों के लिए सुविधाएं बन सकेंगी। बरसों से जमे अतिक्रमणकारियों के लिए अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। उम्मीद है कि अब जल्द ही सच सामने आएगा और अस्पताल को उसकी खोई हुई जमीन वापस मिलेगी।
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