विराट-रोहित और 2027 का वर्ल्ड कप क्या इतिहास एक बार फिर वही सचिन वाला पल दोहराएगा?
News India Live, Digital Desk: क्रिकेट प्रेमियों, क्या आपको 2 अप्रैल 2011 की वो रात याद है? जब मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप उठाया था और पूरी टीम ने 'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर को अपने कंधों पर बिठाकर मैदान का चक्कर लगाया था। विराट कोहली ने तब एक बड़ी प्यारी बात कही थी "सचिन पाजी ने 21 साल तक देश का बोझ अपने कंधों पर उठाया है, आज समय है कि हम उन्हें अपने कंधों पर उठाएं।"
आज, हम 2025 के अंत में खड़े हैं और वक्त का पहिया देखिए, वही बात अब खुद विराट कोहली और रोहित शर्मा पर लागू होने जा रही है। आईपीएल के चेयरमैन अरुण धूमल ने एक ऐसी अपील की है, जिसने करोड़ों भारतीय फैंस के दिलों को छू लिया है। उन्होंने टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों को एक खास 'मिशन' सौंपा है।
मिशन 2027: 'अपनों' के लिए जीतना है
अरुण धूमल ने अपने हालिया बयान में कहा कि जैसे 2011 का वर्ल्ड कप पूरी टीम ने सचिन तेंदुलकर को समर्पित किया था और उनके लिए जान लगा दी थी, ठीक वैसा ही जज्बा अब 2027 वनडे वर्ल्ड कप (जो दक्षिण अफ्रीका में होना है) के लिए दिखना चाहिए।
धूमल का कहना है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा, भारतीय क्रिकेट के ये दो अनमोल रत्न अब अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं। 2027 का वर्ल्ड कप शायद इनका आखिरी वनडे वर्ल्ड कप होगा। ऐसे में, यह इन दोनों दिग्गजों के लिए सबसे बेहतरीन 'फेयरवेल गिफ्ट' (विदाई उपहार) हो सकता है।
एक युग का अंत और सम्मान
सोचिए, रोहित शर्मा की कप्तानी और 'हिटमैन' वाला अंदाज, और विराट कोहली का वो कभी हार न मानने वाला जुनून... इन दोनों ने पिछले 15 सालों से भारतीय क्रिकेट को क्या कुछ नहीं दिया। आज जब हम टी-20 वर्ल्ड कप की जीत का जश्न मना चुके हैं (जो रोहित-विराट का टी20 से आखिरी सलाम था), अब नजरें 50 ओवर के फॉर्मेट पर हैं।
IPL चेयरमैन की यह बात सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि एक एहसास है। उन्होंने इशारों में कह दिया है कि शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और पंत जैसे युवा सितारों को अब वो जिम्मेदारी उठानी होगी जो 2011 में विराट और रैना ने उठाई थी।
क्या सचिन जैसा फेयरवेल मिलेगा?
सचिन तेंदुलकर को वर्ल्ड कप जीतने के लिए 6 कोशिशें करनी पड़ी थीं। रोहित और विराट के पास पहले से ही ट्रॉफीज हैं, लेकिन वनडे वर्ल्ड कप के साथ विदाई लेना किसी भी क्रिकेटर का अंतिम सपना होता है।
2027 में जब यह टूर्नामेंट होगा, तो यह देखना बेहद भावुक होगा कि क्या भारतीय टीम एक बार फिर इतिहास रच पाती है। क्या हम फिर देखेंगे कि युवा खिलाड़ी रोहित और विराट को कंधों पर उठाकर विक्ट्री लैप लगा रहे हैं? यह सपना न सिर्फ अरुण धूमल का है, बल्कि हर उस फैन का है जिसने इन दो दिग्गजों को खेलते हुए देखा है।
दोस्तों, क्रिकेट में पीढ़ियां बदलती हैं, चेहरे बदलते हैं, लेकिन जज्बात वही रहते हैं। 2027 दूर नहीं है, तैयारी अभी से शुरू करनी होगी सिर्फ कप के लिए नहीं, बल्कि सम्मान के लिए!
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