तेज प्रताप का तीखा हमला संघी हो गए हैं चाचा? महिला डॉक्टर के साथ CM के बर्ताव पर मचा सियासी कोहराम

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News India Live, Digital Desk : बिहार की राजनीति में वीडियो और बयानबाजी का दौर कभी थमता नहीं है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा गंभीर और संवेदनशील है। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने विपक्ष को हमले का एक और मौका दे दिया है। मामला पटना के एसके मेमोरियल हॉल का है, जहां एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर महिला डॉक्टर का 'हिजाब' (फेस कवर) हटाने या टोकने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

इस वीडियो के सामने आते ही लालू यादव के बड़े बेटे और अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए मशहूर तेज प्रताप यादव का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर तीखे शब्द बाण छोड़े हैं।

तेज प्रताप ने क्या कहा? (गुस्से की असली वजह)

तेज प्रताप यादव ने इस घटना को महिला सम्मान और धार्मिक आजादी से जोड़ दिया है। उनका कहना है कि एक सार्वजनिक मंच पर किसी महिला, वो भी एक डॉक्टर, को अपना नकाब या हिजाब हटाने के लिए कहना एक मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता।

अपने चिर-परिचित अंदाज में तेज प्रताप ने नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर भी सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री जी का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। उन्हें अब इलाज की जरूरत है।" तेज प्रताप का आरोप है कि नीतीश कुमार अब अपनी विचारधारा भूल चुके हैं और आरएसएस (RSS) के एजेंडे पर काम कर रहे हैं, इसलिए उन्हें किसी के पहनावे से दिक्कत हो रही है।

आखिर हुआ क्या था मंच पर?

दरअसल, पटना में आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा था। जब एक महिला डॉक्टर अपना लेटर लेने मंच पर पहुंचीं, तो उन्होंने चेहरे पर मास्क या नकाब लगा रखा था। वीडियो में दिखता है कि नीतीश कुमार उन्हें चेहरे से वो कवर हटाने का इशारा कर रहे हैं। हालांकि, जेडीयू के समर्थक कह रहे हैं कि सीएम साहब सिर्फ यह देखना चाहते थे कि डॉक्टर कौन हैं, इसमें कोई गलत नीयत नहीं थी।

आरजेडी को मिला मुद्दा

लेकिन आरजेडी इसे इतनी आसानी से जाने देने के मूड में नहीं है। तेज प्रताप का कहना है कि यह किसी की निजता (Privacy) और धर्म का अपमान है। उन्होंने कहा, "आप किसी महिला को सबके सामने चेहरा दिखाने के लिए मजबूर कैसे कर सकते हैं? यह बिहार की संस्कृति नहीं है।"

फिलहाल, इस मुद्दे ने बिहार की ठंड में सियासी पारा चढ़ा दिया है। एक तरफ जेडीयू बचाव की मुद्रा में है, तो दूसरी तरफ तेज प्रताप और विपक्ष इसे 'कुशासन' का नमूना बता रहे हैं। अब देखना होगा कि नीतीश कुमार खुद इस पर क्या सफाई देते हैं।

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