जोधपुर यूनिवर्सिटी ने बढ़ाई फीस तो सड़क पर उतरे छात्र, कलेक्टर टीना डाबी ने संभाला मोर्चा, वीसी से कही ये बड़ी बात
News India Live, Digital Desk : राजस्थान के जोधपुर (JNVU) विश्वविद्यालय और उससे जुड़े बाड़मेर के कॉलेजों में इन दिनों छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। वजह है अचानक बढ़ाई गई फीस। छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फीस में इतनी बढ़ोतरी कर दी है कि एक गरीब किसान और मजदूर के बेटे के लिए अब कॉलेज की पढ़ाई करना सपने जैसा हो गया है।
इसी गुस्से और मायूसी के बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसकी चर्चा अब हर जगह हो रही है। बाड़मेर की कलेक्टर और अपनी कार्यशैली के लिए मशहूर आईएएस टीना डाबी (Tina Dabi) ने जिस तरह से छात्रों का दर्द समझा, उसने लोगों का दिल जीत लिया है।
सड़क पर उतरे छात्र, टीना डाबी ने रोकी गाड़ी
बाड़मेर में जब छात्र फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, तभी वहां से कलेक्टर टीना डाबी का काफिला गुजर रहा था। छात्रों ने उन्हें देखते ही घेर लिया और अपनी बात कहने की जिद करने लगे। आमतौर पर अधिकारी ऐसे माहौल से बचकर निकलना पसंद करते हैं, लेकिन टीना डाबी ने अपनी गाड़ी रुकवाई और बाहर आकर धूप में खड़े छात्रों की बातें सुनीं।
छात्रों का दर्द: "गरीब का बेटा कहां जाएगा?"
छात्र नेताओं ने टीना डाबी को बताया कि यूनिवर्सिटी ने फीस को कई गुना बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, "मैडम, बाड़मेर एक पिछड़ा इलाका है। यहां ज्यादातर छात्र किसान परिवारों से आते हैं। अगर सरकारी कॉलेज इतनी फीस लेंगे, तो गरीब का बच्चा कहां जाएगा? हमें पढ़ाई छोड़नी पड़ जाएगी।"
टीना डाबी ने तुरंत लिया एक्शन
छात्रों की परेशानी को समझते हुए टीना डाबी ने बिल्कुल एक अभिभावक (Guardian) की तरह उन्हें भरोसा दिलाया। उन्होंने मौके पर ही कहा कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगी।
कलेक्टर टीना डाबी ने छात्रों से साफ कहा, "मैं आपकी पीड़ा समझ रही हूं। मैं आज ही इस मामले में जोधपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर (VC) से बात करूंगी और उन्हें आपकी स्थिति से अवगत कराऊंगी।" उन्होंने छात्रों को शांत रहने और कानून हाथ में न लेने की सलाह दी।
क्यों हो रहा है विरोध?
जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी (JNVU) ने इस सत्र में फीस में भारी बढ़ोतरी की है। छात्रों का आरोप है कि बिना किसी पूर्व सूचना के ऐसा किया गया। इसका सीधा असर बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर के हजारों छात्रों पर पड़ रहा है।
फिलहाल, छात्रों को टीना डाबी के आश्वासन पर भरोसा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा या नहीं? लेकिन इतना जरूर है कि एक अधिकारी का संवेदनशीलता दिखाना छात्रों को बड़ी राहत दे गया है।
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