14 January 2025 Panchang: माघ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा और मकर संक्रांति का विशेष दिन

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आज 14 जनवरी 2025, मंगलवार को माघ महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। यह तिथि देर रात 3:22 बजे तक रहेगी, जिसके बाद द्वितीया तिथि आरंभ होगी। चंद्रमा आज कर्क राशि में स्थित हैं और पुनर्वसु नक्षत्र सुबह 10:17 बजे तक रहेगा। इसके बाद पुष्य नक्षत्र शुरू हो जाएगा। दिन में वैधृति योग का संयोग भी रहेगा।

मकर संक्रांति 2025 के शुभ अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ का प्रथम शाही स्नान भी आज से आरंभ हो गया है। आइए जानते हैं आज के दिन के विशेष शुभ मुहूर्त, राहुकाल, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।

14 जनवरी 2025 के विशेष व्रत और त्योहार

  • मकर संक्रांति
  • प्रयागराज महाकुंभ का प्रथम शाही स्नान

आज के दिन के शुभ मुहूर्त

मुहूर्त समय
अमृत काल सुबह 6:06 बजे से 7:42 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त शाम 6:23 बजे से 7:25 बजे तक
विजय मुहूर्त दोपहर 2:23 बजे से 3:25 बजे तक
निशीथ मुहूर्त रात 11:41 बजे से 12:20 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:03 बजे से 5:08 बजे तक

राहुकाल का समय (शुभ कार्यों से बचें)

शहर राहुकाल का समय
दिल्ली दोपहर 3:07 बजे से 4:26 बजे तक
मुंबई दोपहर 3:34 बजे से 4:57 बजे तक
चंडीगढ़ दोपहर 3:07 बजे से 4:25 बजे तक
लखनऊ दोपहर 2:54 बजे से 4:16 बजे तक
भोपाल दोपहर 3:12 बजे से 4:33 बजे तक
कोलकाता दोपहर 2:29 बजे से 3:50 बजे तक
अहमदाबाद दोपहर 3:31 बजे से 4:52 बजे तक
चेन्नई दोपहर 3:09 बजे से 4:35 बजे तक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

  • सूर्योदय: सुबह 7:14 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 5:45 बजे

हिंदू पंचांग का महत्व

हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग भी कहा जाता है, समय और काल की सटीक गणना का आधार है। यह पंचांग पांच अंगों से मिलकर बना होता है:

  1. तिथि – चंद्रमा की स्थिति के अनुसार दिन।
  2. नक्षत्र – चंद्रमा के मार्ग के 27 खंड।
  3. वार – सात दिन।
  4. योग – सूर्य और चंद्रमा की स्थिति।
  5. करण – तिथि के आधे भाग।

इसमें शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय-सूर्यास्त का समय, और ग्रहों की स्थिति की जानकारी दी जाती है।

प्रयागराज में कुंभ महापर्व का प्रथम शाही स्नान

आज मकर संक्रांति के पावन अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ का प्रथम शाही स्नान शुरू हो चुका है। करोड़ों श्रद्धालु गंगा और संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। यह स्नान वैदिक मान्यताओं के अनुसार आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।