आज, 12 जनवरी 2025, रविवार के दिन पौष शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। यह तिथि सुबह 05:03 बजे तक रहेगी, जिसके बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ होगी। आज का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष है, क्योंकि मृगशिरा नक्षत्र और ब्रह्म योग का संयोग बना हुआ है। इस लेख में हम आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, पारण का समय, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
12 जनवरी 2025 का शुभ मुहूर्त और पंचांग
तिथि |
पौष शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी (सुबह 05:03 बजे तक) |
नक्षत्र |
मृगशिरा नक्षत्र (सुबह 11:25 बजे तक) |
योग |
ब्रह्म योग (सुबह 09:09 बजे तक) |
वार |
रविवार |
चंद्रमा की स्थिति |
मिथुन राशि |
शुभ मुहूर्त
मुहूर्त का नाम |
समय |
अमृत काल |
सुबह 06:06 से सुबह 07:42 तक |
गोधूलि मुहूर्त |
शाम 06:23 से शाम 07:25 तक |
विजय मुहूर्त |
दोपहर 02:23 से दोपहर 03:25 तक |
निशीथ काल |
रात 11:41 से रात 12:20 तक |
ब्रह्म मुहूर्त |
सुबह 04:03 से सुबह 05:08 तक |
अभिजीत मुहूर्त |
दोपहर 12:08 से दोपहर 12:49 तक |
राहुकाल
राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है, इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए।
शहर |
राहुकाल का समय |
दिल्ली |
शाम 04:25 से शाम 05:43 |
मुंबई |
शाम 04:56 से शाम 05:19 |
चंडीगढ़ |
शाम 04:23 से शाम 05:40 |
लखनऊ |
शाम 04:13 से शाम 05:32 |
भोपाल |
शाम 04:31 से शाम 05:53 |
कोलकाता |
दोपहर 03:49 से शाम 05:10 |
अहमदाबाद |
शाम 04:21 से शाम 06:12 |
चेन्नई |
शाम 04:34 से शाम 05:59 |
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
घटना |
समय |
सूर्योदय |
सुबह 07:14 |
सूर्यास्त |
शाम 05:43 |
पंचांग: वैदिक गणना का महत्व
हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग भी कहते हैं, समय और काल की सटीक गणना का साधन है।
- पंचांग के पांच प्रमुख अंग हैं:
- तिथि
- नक्षत्र
- वार
- योग
- करण
- पंचांग के माध्यम से शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय-सूर्यास्त, और चंद्रमा की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है।
विशेष तिथि का महत्व
- त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है।
- इस दिन मृगशिरा नक्षत्र और ब्रह्म योग के कारण धार्मिक अनुष्ठानों का फल कई गुना बढ़ जाता है।