माफ़ी मांगते हुए पीएम मोदी ने बंगाल की रैली को फ़ोन पर किया संबोधित, लोगों से बोले बहुत दुःख है
News India Live, Digital Desk : लोकतांत्रिक रैलियों में प्रधानमंत्री या किसी बड़े नेता का उपस्थित होना आम बात है, लेकिन क्या हो जब अचानक प्रधानमंत्री को लोगों को सीधे संबोधित करने की बजाय फ़ोन पर ही अपने मन की बात कहनी पड़े? पश्चिम बंगाल से हाल ही में एक ऐसी खबर आई है, जिसने सबको चौंका दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बड़ी जनसभा (jan sabha) को खुद उपस्थित होकर संबोधित करने के बजाय, फ़ोन के ज़रिये (phone par sambodhit) अपना संदेश दिया और इस बात के लिए बंगाल की जनता (Bengal ki janta) से 'माफ़ी' (mafi mangi) भी मांगी।
क्यों फ़ोन पर किया पीएम मोदी ने रैली को संबोधित?
मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी किसी कारणवश (संभवतः ख़राब मौसम या किसी अप्रत्याशित बाधा के कारण) बंगाल में इस जनसभा तक व्यक्तिगत रूप से नहीं पहुँच पाए थे। ऐसा पहली बार नहीं होता, जब ख़राब मौसम की वजह से नेताओं के कार्यक्रम रद्द होते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री के स्तर पर किसी रैली को फ़ोन पर संबोधित करना असामान्य है। अपनी अनुपस्थिति के कारण, उन्होंने लोगों से अपनी अक्षमता के लिए माफ़ी मांगी और अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। यह दर्शाता है कि वे अपनी अनुपस्थिति के बावजूद लोगों से सीधे जुड़ना चाहते थे।
प्रधानमंत्री ने फ़ोन के ज़रिये ही जनता को अपनी बात समझाई और बताया कि वे क्यों वहाँ उपस्थित नहीं हो पाए। उन्होंने संभवतः स्थानीय मुद्दों, केंद्र सरकार की योजनाओं (sarkar ki yojanaen), और आने वाले समय में राज्य के लिए अपनी योजनाओं पर चर्चा की होगी। माफ़ी मांगकर उन्होंने बंगाल के लोगों के प्रति अपना सम्मान और उनकी भावनाओं की कद्र करने की कोशिश की है।
इस घटना से यह भी साबित होता है कि डिजिटल माध्यम (digital माध्यम) कैसे आज राजनीतिक मंचों का भी हिस्सा बन चुके हैं, और नेता दूर रहकर भी जनता तक अपनी पहुँच बना सकते हैं। लेकिन, एक आमने-सामने के जुड़ाव की कमी कहीं न कहीं खलती ज़रूर है। यह देखना दिलचस्प था कि कैसे इस मुश्किल घड़ी में प्रधानमंत्री ने फ़ोन के ज़रिये ही सही, पर जनता से अपना संवाद बनाए रखा।
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