मेसी इवेंट में मची अफरातफरी तो हेमंत बिस्वा सरमा ने ले ली चुटकी, बोले दीदी, व्यवस्था तो देखनी चाहिए थी
News India Live, Digital Desk : राजनीति में मौका मिले और नेता चौका न मारें, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। खासकर जब बात असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हो, तो तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ा जाता। हाल ही में कोलकाता में एक बड़ा आयोजन हुआ, जो फुटबॉल के भगवान माने जाने वाले लियोनेल मेसी से जुड़ा था, लेकिन वहां जो अव्यवस्था (Mess) देखने को मिली, उसने बीजेपी को ममता सरकार पर हमला बोलने का एक और मौका दे दिया।
खबर यह है कि कोलकाता में आयोजित इस इवेंट में जबरदस्त भीड़ उमड़ी, लेकिन इंतज़ाम उस स्तर के नहीं थे। इसी को लेकर असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने ममता सरकार की जमकर क्लास लगा दी है।
"जुनून ठीक है, पर इंतजाम का क्या?"
हेमंत बिस्वा सरमा का अंदाज हमेशा से सीधा और तीखा रहा है। उन्होंने कोलकाता में हुए इस वाकये पर कहा कि सिर्फ बड़े नाम या बड़े इवेंट की घोषणा कर देना काफी नहीं होता, उसे संभालने की काबिलियत भी होनी चाहिए। उन्होंने परोक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि भीड़ को बेकाबू होने के लिए छोड़ देना प्रशासन की नाकामी है।
दरअसल, बंगाल और फुटबॉल का रिश्ता बहुत पुराना और गहरा है। वहां मेसी या फुटबॉल के किसी भी इवेंट को लेकर दीवानगी सर चढ़कर बोलती है। लेकिन इस बार जब चीजें अव्यवस्थित हुईं, तो वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इसी को आधार बनाकर हेमंत बिस्वा सरमा ने सवाल खड़ा कर दिया कि क्या बंगाल सरकार से एक इवेंट मैनेज नहीं हो पा रहा?
असम मॉडल की दी मिसाल
बातचीत के दौरान हेमंत अक्सर असम की तुलना बंगाल से करते हैं। उनका कहना है कि असम में भी बड़े-बड़े कार्यक्रम होते हैं, बड़ी हस्तियां आती हैं, लेकिन वहां कानून-व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन (Crowd Management) का खास ख्याल रखा जाता है। उनका इशारा साफ़ था कि ममता दीदी के राज में 'खेल' तो हो रहा है, लेकिन 'नियम' नदारद हैं।
सिर्फ एक इवेंट नहीं, निशाना तो राजनीति है
यह पहली बार नहीं है जब हेमंत ने ममता बनर्जी को निशाने पर लिया हो। चाहे दुर्गा पूजा के विसर्जन के नियम हों, संदेशखाली का मुद्दा हो या फिर अब यह फुटबॉल इवेंट का बवाल—हेमंत बिस्वा सरमा हर उस मुद्दे को उठाते हैं जिससे यह साबित हो सके कि पश्चिम बंगाल में 'सिस्टम' ठीक से काम नहीं कर रहा है।
आम जनता का सवाल
इस सियासत के बीच आम आदमी यही सोचता है कि नेता अपनी लड़ाई लड़ें, लेकिन जब इतने बड़े स्तर पर लोग इकठ्ठा होते हैं, तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी तो सरकार की ही होती है। मेसी के नाम पर आए फैंस को अगर धक्का-मुक्की और बदइंतजामी का सामना करना पड़े, तो सवाल उठना लाजमी है।
अब देखना यह होगा कि ममता बनर्जी या उनकी पार्टी टीएमसी, हेमंत बिस्वा सरमा के इस 'फुटबॉल वाले वार' पर क्या पलटवार करती है। फिलहाल तो गेंद असम के सीएम के पाले से निकलकर ममता दीदी के कोर्ट में है।
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