Bihar Election : अब जीतन राम मांझी ने तोड़ी चुप्पी 2700 वोटों से हारे, फिर भी जीते वाले बयान पर दिया बड़ा खुलासा
News India Live, Digital Desk : बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi), जो अपनी बेबाकी और सुलझे हुए व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं, अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन हाल ही में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेज़ी से वायरल (वायरल वीडियो) हो रहा था, जिसने एक नया सियासी विवाद खड़ा कर दिया था। इस वीडियो में ऐसा लग रहा था जैसे मांझी यह दावा कर रहे थे कि उनके प्रत्याशी ने 2700 वोटों से हारने के बावजूद चुनाव जीत लिया था। अब इस पूरे मामले पर जीतन राम मांझी ने खुद सामने आकर सफाई (सफाई दी) दी है, और अपना पक्ष रखते हुए इस विवाद का पूरा सच बताया है।
क्या था यह वीडियो विवाद?
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi video) को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा रहा था कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव (2020 Bihar Assembly Election) में उनका एक उम्मीदवार 2700 वोटों से पीछे चल रहा था, और फिर कुछ 'प्रयासों' के बाद उसे विजयी घोषित कर दिया गया। इस वीडियो के सामने आने के बाद कई राजनीतिक दलों, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने उन्हें घेर लिया। RJD ने आरोप लगाया कि मांझी के बयान से साफ पता चलता है कि चुनाव परिणामों (चुनाव परिणाम) में हेराफेरी (धांधली) की गई थी। इस मुद्दे ने बिहार के राजनीतिक गलियारों में गरमागरम बहस छेड़ दी थी।
मांझी ने किया 'पूरे सच' का खुलासा:
अपने ऊपर लगे इन गंभीर आरोपों और विवादित वीडियो पर जीतन राम मांझी ने अब विस्तार से बात की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वीडियो में उनके बयान को तोड़-मरोड़कर (बयान तोड़-मरोड़कर पेश) पेश किया गया है, और उसका गलत अर्थ निकाला जा रहा है। मांझी ने समझाया कि उन्होंने यह नहीं कहा था कि 'डीएम को फोन करके चुनाव जीत गए'। बल्कि उनका कहना था कि चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद उनका उम्मीदवार केवल 12 वोटों (12 वोटों से हारकर) से चुनाव हार गया था, 2700 वोटों से जीता नहीं था। ऐसी करीबी हार की स्थिति में उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट (DM से किया संपर्क) से वोटों की दोबारा गिनती यानी 'पुनर्मतगणना' (Recounting) कराने का अनुरोध किया था।
उन्होंने ये भी साफ किया कि वोटिंग मशीनों (वोटिंग मशीन में गड़बड़ी नहीं) में कोई गड़बड़ी नहीं थी, और न ही किसी तरह की 'सेटिंग' की बात में कोई सच्चाई है। मांझी के मुताबिक, यह बस उनके एक पुराने भाषण का हिस्सा था जिसे उसके असली संदर्भ से हटाकर पेश किया गया है। उन्होंने उन लोगों पर अपनी नाराजगी भी ज़ाहिर की है, जो उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
जीतन राम मांझी की इस स्पष्टीकरण के बाद, 'वीडियो विवाद' का एक नया पहलू सामने आया है, जिसने इस राजनीतिक रस्साकशी को और भी दिलचस्प बना दिया है। अब देखना होगा कि उनकी यह सफाई बिहार के चुनावी माहौल (चुनावी माहौल) में क्या असर डालती है।
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