बांग्लादेश में फिर शुरू हुआ खूनी खेल? उस्मान हादी की मौत के बाद सड़कों पर क्यों उतरी भीड़
News India Live, Digital Desk : बांग्लादेश की राजधानी ढाका एक बार फिर अशांति और गुस्से की आग में जल रही है। हमारे पड़ोसी मुल्क में स्थिति सामान्य होने का नाम नहीं ले रही है। ताज़ा मामला एक मौत और उसके बाद भड़के दंगों का है, जिसने वहां की अंतरिम सरकार और मुहम्मद यूनुस की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
दरअसल, ढाका में 'उस्मान हादी' (Osman Hadi) नामक एक व्यक्ति की मौत के बाद हिंसा भड़क उठी है। गुस्से में आए लोगों ने न सिर्फ प्रदर्शन किया, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी मीडिया को भी निशाना बनाया।
आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर ढाका में बीती रात क्या हुआ और हालात इतने बेकाबू क्यों हो गए हैं।
1. उस्मान हादी की मौत और भड़का गुस्सा
यह पूरा बवाल उस्मान हादी की मौत की खबर के बाद शुरू हुआ। उस्मान को वहां के एक अस्पताल में मृत घोषित किया गया था, जिसके बाद उनके समर्थक और आम लोग सड़कों पर उतर आए। लोगों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश था कि उनकी मौत संदिग्ध हालातों में हुई है। यह गुस्सा देखते ही देखते हिंसक रूप ले गया।
2. अख़बार के दफ्तर में लगा दी आग
हिंसा इतनी बढ़ गई कि उपद्रवियों ने मीडिया को भी नहीं बख्शा। खबरों के मुताबिक, गुस्सायी भीड़ ने ढाका स्थित एक प्रमुख अख़बार के दफ्तर (Newspaper office) पर धावा बोल दिया। पहले वहां तोड़फोड़ की गई और फिर दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया। यह घटना बताती है कि वहां भीड़ अब किसी के काबू में नहीं है और अराजकता चरम पर है।
3. यूनुस की शांति की अपील
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख, डॉ. मुहम्मद यूनुस ने इस घटना के तुरंत बाद मोर्चा संभाला। उन्होंने लोगों से शांत रहने की अपील की है। यूनुस ने कहा है कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है और लोग कानून अपने हाथ में न लें। सरकार स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रही है, लेकिन जिस तरह से एक अखबार के दफ्तर को जलाया गया, वह सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।
4. शहर में तनाव का माहौल
इस घटना के बाद ढाका के कई इलाकों में तनाव फैल गया है। सुरक्षा बढ़ा दी गई है, लेकिन लोगों के बीच डर का माहौल है। सड़कों पर जली हुई गाड़ियाँ और टूटे हुए शीशे बता रहे हैं कि रात भर वहां कैसा मंजर रहा होगा। पुलिस और सेना हालात को काबू में करने की कोशिश कर रही है।
5. बांग्लादेश के लिए क्यों है यह चिंताजनक?
शेख हसीना के जाने के बाद उम्मीद थी कि बांग्लादेश में सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन आए दिन हो रही ऐसी हिंसात्मक घटनाएं बता रही हैं कि स्थिरता अभी बहुत दूर है। मीडिया ऑफिस पर हमला यह संकेत देता है कि वहां अभिव्यक्ति की आज़ादी और संस्थानों की सुरक्षा भी खतरे में है।
कुल मिलाकर, बांग्लादेश अभी भी एक नाजुक दौर से गुजर रहा है। देखना होगा कि यूनुस सरकार इस नई चुनौती से कैसे निपटती है।
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