Ashes Series : ऑस्ट्रेलिया ने दिया असंभव टारगेट, चौथे दिन टूट गईं इंग्लैंड की उम्मीदें जानिए पल-पल का रोमांच

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News India Live, Digital Desk: क्रिकेट के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली 'एशेज' (The Ashes)  सीरीज का हर मुकाबला एक जंग से कम नहीं होता। जब ये दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं, तो मैदान पर तनाव और रोमांच अपने चरम पर होता है। तीसरे एशेज टेस्ट मैच के चौथे दिन एडिलेड ओवल में भी कुछ ऐसा ही माहौल था, जहाँ इंग्लैंड को जीत के लिए 435 रनों का एक बहुत बड़ा और मुश्किल लक्ष्य हासिल करना था, और हर गेंद के साथ मैच की किस्मत पलट सकती थी।

एडिलेड में एशेज का रोमांच और चौथे दिन का दबाव

ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में अपनी बल्लेबाजी से मजबूत पकड़ बना ली थी। पहली पारी में बड़े स्कोर के बाद, दूसरी पारी में भी उन्होंने दमदार खेल दिखाते हुए इंग्लैंड के सामने 435 रनों का एक विशाल लक्ष्य रखा, जिसे टेस्ट क्रिकेट में हासिल करना किसी भी टीम के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण माना जाता है। चौथे दिन की शुरुआत में ही इंग्लैंड की मुश्किलें बढ़ गईं, क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने उनके शीर्ष क्रम के बल्लेबाज दबाव में दिखे।

मैच पर ऑस्ट्रेलिया की पकड़ ट्रेविस हेड (Travis Head) जैसे बल्लेबाजों की शानदार पारियों से और मज़बूत हुई, जिन्होंने एक बड़ा स्कोर बनाया, वहीं एलेक्स कैरी (Alex Carey) ने भी महत्वपूर्ण अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम को एक बड़े टोटल तक पहुँचाया। इंग्लैंड के लिए यह रन चेज़ कतई आसान नहीं था, और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस (Pat Cummins) की अगुवाई में गेंदबाजों ने अपनी सटीक लाइन और लेंथ से बल्लेबाजों को लगातार परेशान किया। कप्तान जो रूट (Joe Root) जैसे अनुभवी खिलाड़ी का विकेट गिरना इंग्लैंड के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ, और ऑस्ट्रेलिया ने अपनी स्थिति और मजबूत कर ली।

जैसे-जैसे एडिलेड ओवल में दिन ढलता जा रहा था, तनाव साफ महसूस किया जा सकता था। इंग्लैंड को अभी भी जीत के लिए काफी रन बनाने थे और उनके अहम विकेट गिर चुके थे, जिससे उन पर भारी दबाव आ गया था। ऑस्ट्रेलिया इस मैच में जीत की ओर बढ़ता दिख रहा था और एशेज सीरीज में अपनी स्थिति और मज़बूत कर रहा था।टेस्ट क्रिकेट में चौथा दिन अक्सर मैच की दिशा तय कर देता है, और एडिलेड में भी कुछ ऐसा ही नज़ारा था, जहाँ एक बड़े लक्ष्य और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन ने इंग्लैंड को बहुत मुश्किल हालात में डाल दिया था।

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