Early Puberty Signs : लड़कियों में क्यों हो रहा है समय से पहले यौवन? डॉक्टर ने खोले वो राज़ जो हर मां-बाप को जानना चाहिए

Post

News India Live, Digital Desk : आजकल हमारी बदलती लाइफस्टाइल और खाने-पीने की आदतों की वजह से लड़कियों में 'समय से पहले यौवन' (early puberty) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 'प्यूबर्टी' (Puberty) यानी कि यौवन वह दौर होता है जब लड़कियाँ शारीरिक रूप से बड़ी हो रही होती हैं और उनका शरीर प्रजनन के लिए तैयार होता है। इसमें मासिक धर्म (periods) का शुरू होना एक अहम पड़ाव है। लेकिन कई बार यह प्रक्रिया सामान्य उम्र (normal age) से पहले शुरू हो जाती है, जो कि चिंता का विषय हो सकता है। ऐसे में पेरेंट्स (Parents) के लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि अपनी बेटी में मासिक धर्म शुरू होने से पहले ही वह कैसे इन ख़ास संकेतों (signs) को पहचानें। एक डॉक्टर ने इस बारे में विस्तार से बताया है।

समय से पहले यौवन के शुरुआती संकेत (Early Puberty Signs):

विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुसार, आमतौर पर लड़कियों में प्यूबर्टी की शुरुआत 8 से 13 साल की उम्र के बीच होती है। अगर यह 8 साल की उम्र से पहले शुरू हो जाए, तो इसे 'समय से पहले यौवन' कहा जाता है। पेरेंट्स को इन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए:

  1. स्तनों का विकास (Breast Development): यह अक्सर पहला और सबसे स्पष्ट संकेत होता है। अगर 8 साल की उम्र से पहले स्तनों में उभार (breast buds) या विकास शुरू हो जाए, तो यह शुरुआती यौवन का संकेत हो सकता है।
  2. काँख और गुप्तांग के बालों का आना (Underarm and Pubic Hair Growth): अंडरआर्म्स और गुप्तांगों के आसपास बालों का उगना भी प्यूबर्टी का एक अहम लक्षण है। अगर यह 8 साल से पहले दिखे तो पेरेंट्स को ध्यान देना चाहिए।
  3. शरीर की गंध में बदलाव (Change in Body Odor): अचानक से शरीर से पसीने की गंध आना शुरू हो जाना, जो पहले नहीं आती थी, भी प्यूबर्टी के हार्मोनल बदलावों का संकेत हो सकता है।
  4. एक्ने या मुंहासे (Acne or Pimples): कुछ लड़कियों में प्यूबर्टी के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण चेहरे पर मुँहासे या एक्ने आने शुरू हो जाते हैं। यह भी एक संकेत हो सकता है।
  5. तीव्र गति से ऊंचाई बढ़ना (Rapid Growth Spurt): लड़कियाँ एक खास अवधि में बहुत तेज़ी से बढ़ती हैं। अगर आपकी बेटी की ऊंचाई सामान्य से तेज़ी से बढ़ रही है और फिर अचानक रुक जाती है, तो यह भी एक लक्षण है।
  6. व्यवहार में बदलाव (Behavioral Changes): शारीरिक बदलावों के साथ-साथ मूड स्विंग (mood swings) और कुछ भावनात्मक बदलाव (emotional changes) भी देखे जा सकते हैं।

डॉक्टर की सलाह (Doctor's Advice):

अगर आपको अपनी बेटी में ये संकेत 8 साल की उम्र से पहले दिखते हैं, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि तुरंत किसी बाल रोग विशेषज्ञ (pediatrician) या एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (endocrinologist) से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है। डॉक्टर बच्चे की पूरी जांच करके सही कारण का पता लगाएंगे और ज़रूरी होने पर उचित इलाज या मार्गदर्शन देंगे। सही समय पर पहचान और मेडिकल सलाह से इस स्थिति को अच्छे से संभाला जा सकता है।

--Advertisement--