दिल्ली चुनाव के बीच अरविंद केजरीवाल के बयान पर सियासत गर्म, तेजस्वी यादव आए बचाव में

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दिल्ली में विधानसभा चुनावों के दौरान अरविंद केजरीवाल के बयान को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर फर्जी वोटर बनाने का आरोप लगाया था, जिसमें उन्होंने कहा कि “यूपी और बिहार से लोगों को लाकर दिल्ली में फर्जी वोटर बनाया जा रहा है।” इस बयान के बाद केजरीवाल पर एनडीए के नेताओं ने तीखे हमले शुरू कर दिए।

तेजस्वी यादव ने किया केजरीवाल का बचाव

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने अरविंद केजरीवाल का समर्थन करते हुए उनके बयान को बेवजह मुद्दा बनाए जाने की बात कही। तेजस्वी ने कहा,
“यह वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने का मामला है। महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव के दौरान लाखों वोट जोड़े गए थे। इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है।”

तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत में इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में ऐसे बदलाव हर चुनाव में होते हैं, लेकिन इसे तूल देकर राजनीति का विषय बनाया जा रहा है।

केजरीवाल का बयान और बढ़ता विवाद

अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दिल्ली में यूपी और बिहार के लोगों को लाकर फर्जी वोटर बनाए जा रहे हैं। इस बयान के बाद बीजेपी और एनडीए के अन्य नेताओं ने उन पर जमकर हमला बोला।

  • केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा,
    “दिल्ली केजरीवाल की जागीर नहीं है।”
  • बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी केजरीवाल के बयान को अपमानजनक बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की।

एनडीए का तीखा पलटवार

एनडीए के नेताओं ने केजरीवाल के बयान को न केवल भ्रामक बल्कि यूपी और बिहार के लोगों का अपमान बताया।

  • ललन सिंह ने कहा कि इस तरह के बयान से केजरीवाल की हताशा झलकती है।
  • चिराग पासवान ने इसे “दिल्ली के प्रवासियों का अपमान” करार दिया और कहा कि केजरीवाल सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।
  • सम्राट चौधरी ने कहा कि केजरीवाल के इस बयान से साफ है कि वह जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

राजनीतिक निहितार्थ और तेजस्वी की भूमिका

तेजस्वी यादव का केजरीवाल का बचाव करना उनके गठबंधन की राजनीति का हिस्सा माना जा रहा है। राजद नेता ने इसे सिर्फ वोटर लिस्ट में बदलाव का मामला बताया, जिसे जरूरत से ज्यादा तूल दिया जा रहा है।