आलमबाग से मानव तस्करी का एक गंभीर मामला सामने आया है। कानपुर के एक कारोबारी के घर से 12 साल के नाबालिग बच्चे की बरामदगी के बाद इस चौंकाने वाली सच्चाई का पर्दाफाश हुआ। जांच में पता चला कि आलमबाग निवासी सुनील मलिक ने दो नाबालिग बच्चों को 60 हजार रुपये में खरीदा था। इनमें से एक बच्चे को उसने कानपुर में अपने दामाद के पास भेज दिया, जबकि दूसरे बच्चे को बंधक बनाकर उससे शौचालय की सफाई जैसे अमानवीय काम करवाए जा रहे थे।
कानपुर पुलिस ने आलमबाग में दबिश देकर इस तस्करी के जाल को तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी है।
कैसे हुआ मामला उजागर?
कानपुर के गोविंदनगर थाना प्रभारी के अनुसार, मंगलवार रात को गुरुग्राम के निवासी श्रीभगवान ने कंट्रोल रूम को फोन कर अपने बेटे को बचाने की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने उनके बेटे को बंधक बना लिया है और उसके साथ मारपीट की जा रही है।
सूचना मिलते ही पुलिस ने बी-ब्लॉक, गोविंदनगर में फर्नीचर कारोबारी अंकित आनंद के घर छापा मारा। छापे में पुलिस को 12 साल का मासूम बच्चा मिला। बच्चे ने पुलिस के सामने अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद पुलिस ने अंकित आनंद को हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में खुली मानव तस्करी की परतें
पुलिस पूछताछ में आरोपी अंकित आनंद ने बड़ा खुलासा किया। उसने बताया कि उसका ससुर, सुनील मलिक, जो आलमबाग का निवासी है, ने गुरुग्राम के दलाल पप्पू यादव के जरिए बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के निवासी श्रीभगवान महतो उर्फ रामू से दो बच्चों को 30-30 हजार रुपये में खरीदा था।
- पहला बच्चा: सुनील मलिक की बेटी साक्षी ने इस बच्चे को घर के कामकाज के लिए कानपुर ले आई।
- दूसरा बच्चा: सुनील मलिक ने अपने घर पर रखा और उसे बंधक बनाकर शौचालय की सफाई कराई जा रही थी।
पुलिस ने बच्चे को उसके परिजनों को सौंप दिया और अंकित आनंद को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को देखते ही मासूम का दर्द छलका
जब पुलिस ने बच्चे को मुक्त कराया, तो वह पुलिस को देखते ही फूट-फूट कर रोने लगा। उसने बताया कि उसकी मालकिन साक्षी उसे रोज मारती थी। तीन महीने पहले दलाल पप्पू यादव ने उसके पिता को काम दिलाने का झांसा दिया और उसे और उसके चचेरे भाई को आलमबाग में लाकर छोड़ दिया। इसके बाद से ही दोनों बच्चों को शौचालय और गंदगी की सफाई जैसे अमानवीय काम कराए जा रहे थे।
FIR दर्ज, आरोपियों पर कार्रवाई
कानपुर पुलिस ने इस मामले में अंकित आनंद, उसकी पत्नी साक्षी, ससुर सुनील मलिक, और दलाल पप्पू यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। सभी आरोपियों पर मानव तस्करी, बंधक बनाना, और बाल श्रम जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
कई बच्चों की तस्करी का संदेह
जांच में यह बात सामने आई है कि सुनील मलिक और मानव तस्कर पप्पू यादव के बीच पुराने संबंध हैं। पुलिस को संदेह है कि इस नेटवर्क के जरिए पहले भी कई बच्चों की तस्करी की जा चुकी है।
अंकित आनंद ने बताया कि कुछ महीने पहले उसकी पत्नी साक्षी मायके आलमबाग गई थी, जहां उसकी मुलाकात पप्पू यादव से हुई थी। वहीं से यह घिनौना सौदा हुआ। पुलिस का कहना है कि सुनील मलिक की गिरफ्तारी के बाद पूरे नेटवर्क का खुलासा होगा।
बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
यह मामला न सिर्फ मानव तस्करी का घिनौना चेहरा उजागर करता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। गरीब और असहाय बच्चों को काम दिलाने के नाम पर तस्करी कर, उनसे अमानवीय काम करवाना एक जघन्य अपराध है।
पुलिस की कार्रवाई जारी
कानपुर पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए जांच तेज कर दी है। आरोपी सुनील मलिक की गिरफ्तारी के लिए आलमबाग में दबिश दी जा रही है। साथ ही, दलाल पप्पू यादव और अन्य संभावित दोषियों की तलाश जारी है।