CGHS Rules: सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इस योजना के नियमों में किया बदलाव, यहां देखें डिटेल्स

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CGHS Rules Revised: अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल, सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) कार्डधारकों के लिए दिशा-निर्देशों में बदलाव किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक ऑफिस मेमोरेंडम (OM) में संशोधित दिशा-निर्देशों की जानकारी दी गई है।

क्या है संशोधित नियम

संशोधित नियमों के अनुसार, कार्डधारकों को आपातकालीन स्थिति में रेफरल की आवश्यकता नहीं होगी। इस स्थिति में, कार्डधारक सीधे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) या टाटा मेमोरियल सहित सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में कैशलेस उपचार प्राप्त कर सकेंगे और सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे। इसके अलावा, केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) वेलनेस सेंटर से एक एकल रेफरल 3 महीने के लिए वैध होगा, जिससे लाभार्थियों को तीन विशेषज्ञों से परामर्श करने की अनुमति मिलेगी। इस अवधि के दौरान अधिकतम छह परामर्श की अनुमति है।

रेफरल की आवश्यकता कब होती है?

सीजीएचएस कार्डधारकों को नियमित जांच और छोटी प्रक्रियाओं के लिए तीन महीने की रेफरल अवधि के भीतर अतिरिक्त स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। 3,000 रुपये से अधिक की लागत वाले विशेष परीक्षणों के लिए रेफरल आवश्यक होगा। इसी तरह, अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता वाली प्रक्रियाओं के लिए भी पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता होगी।

इन सेवाओं तक पहुँचने की आयु सीमा 75 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष कर दी गई है, जिससे अधिक लाभार्थियों को पात्रता का विस्तार हुआ है। इन संशोधनों से सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच बढ़ने की उम्मीद है।

सीजीएचएस क्या है?

आपको बता दें कि CGHS एक स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसके तहत केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को चिकित्सा व्यय का कवरेज मिलता है। केंद्रीय कर्मचारी CGHS कार्ड के माध्यम से देश के किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल या डिस्पेंसरी में कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकते हैं।