नरेश मीणा की गाड़ी पर हमला जवाब में समर्थकों ने फूंकी कार, राजस्थान में फिर मचा गदर

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News India Live, Digital Desk : राजस्थान की सियासत में 'शांति' शब्द शायद अब बीते जमाने की बात हो गई है। अभी 'थप्पड़ कांड' की गूंज थमी भी नहीं थी कि प्रदेश के तेज-तर्रार और विवादित नेता नरेश मीणा (Naresh Meena) फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार मामला बारां (Baran) जिले का है, जहां शनिवार को ऐसा बवाल हुआ कि पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। गाड़ी पर पथराव, तोड़फोड़ और फिर बीच सड़क पर कार को आग के हवाले... एकदम फिल्मी सीन जैसा माहौल बन गया।

अगर आप सोच रहे हैं कि आखिर हुआ क्या, तो आइए आपको आसान शब्दों में बताते हैं पूरी कहानी।

गमी में गए थे, लौटते वक्त हो गया 'खेल'

खबरों के मुताबिक, नरेश मीणा अपने काफिले के साथ बारां जिले के आखेड़ी (Akhedi) गांव गए थे। मकसद था एक गमी (शोक संवेदना) कार्यक्रम में शामिल होना। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जब वो वापस लौट रहे थे, तभी घात लगाए बैठे कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी पर हमला बोल दिया। लाठी-डंडों से वार हुए, गाड़ी के शीशे चकनाचूर हो गए। गनीमत रही कि नरेश मीणा को कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन उनके ड्राइवर और कुछ साथी घायल हो गए।

समर्थकों ने खोया आपा, फूँक दी कार

अब आप तो जानते ही हैं, नरेश मीणा के समर्थक कितने जज्बाती हैं। जैसे ही खबर फैली कि उनके 'नेताजी' पर हमला हुआ है, समर्थकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। आरोप है कि गुस्साए समर्थकों ने हमलावरों (जो कथित तौर पर पूर्व सरपंच तोलाराम के पक्ष के थे) के घर को घेर लिया। दोनों तरफ से जमकर ईंट-पत्थर चले।

माहौल इतना गरमा गया कि भीड़ ने वहां खड़ी एक बोलेरो कार पर पेट्रोल छिड़ककर उसे आग के हवाले कर दिया। देखते ही देखते गाड़ी राख के ढेर में बदल गई। गांव वाले दहशत में आ गए और दरवाजे बंद कर लिए।

नरेश मीणा का सीधा आरोप- 'साजिश है'

इस पूरे बवाल के पीछे सियासी रंजिश बताई जा रही है। नरेश मीणा ने खुलकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता प्रमोद जैन भाया (Pramod Jain Bhaya) का नाम लिया है। उनका कहना है कि "पुलिस की मौजूदगी में उन पर जानलेवा हमला हुआ और यह सब भाया के इशारे पर हो रहा है।"

गुस्से में तमतमाए नरेश मीणा अपने हजारों समर्थकों के साथ रात में ही SP ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने साफ कह दिया— "जब तक मुलजिम अंदर नहीं जाएंगे, हम यहां से नहीं हिलेंगे।"

पुलिस का एक्शन: 5 लोग दबोचे गए

हालात बेकाबू होते देख भारी पुलिस बल (RAC और कई थानों की पुलिस) तैनात करनी पड़ी। देर रात पुलिस ने एक्शन लिया और पूर्व सरपंच तोलाराम समेत 5 लोगों को हिरासत में ले लिया। पुलिस अधिकारियों के समझाने और ठोस कार्रवाई के वादे के बाद कहीं जाकर धरना खत्म हुआ।

फिलहाल इलाके में शांति तो है, लेकिन तनाव साफ महसूस किया जा सकता है। सवाल यह है कि राजस्थान में नेताओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था का मजाक आखिर कब तक बनता रहेगा?

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