ईरान पर सबसे बड़े हमले की तैयारी? नेतन्याहू के 'सीक्रेट प्लान से दुनिया सन्न, 29 को ट्रंप से होगी मुलाकात

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News India Live, Digital Desk: दुनिया में शांति शायद किसी को पसंद नहीं है। अभी हम सोच ही रहे थे कि साल 2025 का अंत शायद सुकून से होगा, लेकिन मिडिल ईस्ट से एक ऐसी खबर आ रही है जिसने सबकी नींद उड़ा दी है। इजरायल (Israel) शांत बैठने वाला नहीं है खबरें हैं कि वह अपने पुराने दुश्मन ईरान (Iran) पर एक बहुत बड़े और खतरनाक हमले की तैयारी कर रहा है।

और हां, इस बार इजरायल अकेले यह फैसला नहीं ले रहा।इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) इसके लिए सीधे 'बॉस' यानी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के पास पहुंच रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, इजरायल को लग रहा है कि ईरान सुधरा नहीं है।रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायली खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि पिछले हमलों (जून 2025) के बाद ईरान फिर से अपनी ताकत बढ़ा रहा है। ईरान न सिर्फ अपने बर्बाद हुए परमाणु ठिकानों (Nuclear Sites) को ठीक कर रहा है, बल्कि वो बैलिस्टिक मिसाइलों का जखीरा भी तैयार कर रहा है। खबर तो यहां तक है कि ईरान हर साल 3,000 मिसाइलें बनाने का टारगेट लेकर चल रहा है।

जाहिर है, इजरायल यह रिस्क नहीं ले सकता। इसलिए नेतन्याहू ने मन बना लिया है कि "बीमारी का इलाज जड़ से करना होगा।"

ट्रंप के साथ 'सीक्रेट' मीटिंग

अब सबसे अहम बात—इस हमले की 'स्क्रिप्ट' अमेरिका में डिस्कस होगी। खबर है कि 29 दिसंबर को बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका जा रहे हैं, जहां फ्लोरिडा के मार-ए-लागो (Mar-a-Lago) में उनकी मुलाकात डोनाल्ड ट्रंप से होगी। नेतन्याहू खाली हाथ नहीं जा रहे, वो अपने साथ ईरान पर हमले के "नए प्लान" की पूरी फाइल लेकर जा रहे हैं।

नेतन्याहू ट्रंप को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि अगर अभी ईरान को नहीं रोका गया, तो वो सिर्फ इजरायल ही नहीं, बल्कि अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बन जाएगा। चर्चा यह भी है कि इजरायल चाहता है कि या तो अमेरिका इस हमले में उसका साथ दे या कम से कम उसकी पीठ पर हाथ रखे।

क्या फिर होगा युद्ध?

यह सवाल सबको डरा रहा है। आपको याद होगा कि इसी साल जून में दोनों देशों के बीच "12 दिन की जंग" हुई थी। अगर अब फिर इजरायल ने हमला किया, तो यह लड़ाई पहले से ज्यादा भयंकर हो सकती है।ट्रंप का रुख हमेशा से ईरान के खिलाफ सख्त रहा है ("हम उसे तबाह कर देंगे" टाइप वाला), तो यह देखना दिलचस्प (और डरावना) होगा कि वो नेतन्याहू को क्या सलाह देते हैं।

कुल मिलाकर, साल खत्म होते-होते दुनिया बारूद के ढेर पर बैठी है। अगर 29 दिसंबर की मीटिंग में "ग्रीन सिग्नल" मिल गया, तो नए साल की शुरुआत धमाकों के साथ हो सकती है।

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