कांग्रेस की जांच में रेत तस्करी में भाजपा के मंत्रियों-नेताओं का हाथ, चार पत्रकारों को फर्जी मामले में फंसाया गया

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जगदलपुर, 22 अगस्त (हि.स.)। बस्तर जिल मुख्यलय में कांग्रेस के पूर्व पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम और कोंटा विधायक कवासी लखमा ने गुरुवार को संयुक्त पत्रकारवार्ता में कहा कि अधिकारी, भाजपा के स्थानीय नेताओं और मंत्रियों की मिली भगत से कोंटा से रेत तस्करी का काम किया जा रहा है। इसका खुलासा करने पहुंचे चार पत्रकारों को फर्जी गांजा मामले में आंध्रप्रदेश में पकड़वा दिया गया है, जो निंदनीय है। मोहन मरकाम ने कहा कि हम आंध्र प्रदेश के राजमेंद्री सेंट्रल जेल गए थे, चारों पत्रकारों से मुलाकात का पूरी जानकारी लेकर लाैटे हैं। साथ ही कोंटा में स्थानीय लोगों से भी रेत तस्करी के मामले पर बातचीत करने के बाद जिस जगह से रेत निकाली जा रही थी, वहां गए। रेत तस्करों ने हजारों टिप्पर रेत डंप कर रखी है, जिसकी तस्करी की जा रही थी। कांग्रेस कमेटी की जांच में पता चला है कि इस रेत तस्करी के पीछे भाजपा सरकार के मंत्रियों और स्थानीय नेताओं का हाथ है।

मोहन मरकाम ने कहा कि इस पूरे मामले का खुलासा करने पहुंचे पत्रकार बप्पी राय, निशु उर्फ शिवेंदु त्रिवेदी, मनीष सिंह और धर्मेंद्र सिंह की गाड़ी में गांजा रखकर उन्हें फंसा दिया गया। इन सभी पत्रकारों की आंध्रप्रदेश में गिरफ्तारी करवा दी गई। अब कांग्रेस पार्टी पूरी कोशिश कर रही है कि, कानूनी प्रक्रिया के तहत इन सभी बेगुनाह पत्रकारों की जल्द से जल्द रिहाई करवाई जाए।

कोंटा विधायक कवासी लखमा ने कहा कि इस पूरे षड्यंत्र में कोंटा के भाजपा नेता पी. विजय की बड़ी भूमिका है। उन्हाेने कहा कि कैमरे के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में जब थानेदार अजय सोनकर को गिरफ्तार किया गया था, तो जेल जाने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर मैसेज छोड़ा था। पी. विजय के भतीजे के मैसेज के ठीक बाद अजय सोनकर का मैसेज था कि नेताजी को बता देना। यह इस बात का प्रमाण है कि इस पूरे मामले में पुलिस, अधिकारी, नेता सब की मिली भगत है। कवासी लखमा ने कहा कि हमारी मांग है कि जो-जो संदेह के दायरे में हैं, उन सब के फोन कॉल्स की जांच किया जाए।