नाश्ते में पैकेट वाला जूस पीते हैं? रुक जाइए! यह आपकी सेहत के साथ कर रहा है खिलवाड़
News India Live, Digital Desk: आजकल हम सभी अपनी सेहत को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं। सुबह उठते ही चाय या कॉफी की जगह बहुत से लोग 'फ्रूट जूस' पीना पसंद करते हैं। टीवी विज्ञापनों में हमें बताया जाता है कि यह जूस 100% असली फलों से बना है और विटामिन्स से भरपूर है। हम भी बिना सोचे-समझे बाज़ार से टेट्रा पैक (Tetra Pack) खरीद लाते हैं और सोचते हैं कि हमने अपनी सेहत के लिए कुछ अच्छा किया।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस जूस को आप महीनों तक फ्रिज में रखकर पीते हैं, वह असल में कितना ताज़ा और फायदेमंद है? चलिए आज थोड़ी खुलकर बात करते हैं डिब्बाबंद जूस के बारे में, जो शायद चुपके से आपकी सेहत बिगाड़ रहा है।
1. फाइबर तो गायब है जनाब!
फलों को सबसे गुणकारी बनाने वाली चीज़ होती है 'फाइबर' (रेशा)। जब आप ताज़ा फल चबाकर खाते हैं, तो फाइबर आपके पाचन तंत्र को ठीक रखता है और पेट को भरा हुआ महसूस कराता है। लेकिन पैकेट बंद जूस बनाने की प्रक्रिया में फलों का गूदा और रेशा पूरी तरह निकाल दिया जाता है। नतीजा? आप सिर्फ रंगीन और मीठा पानी पी रहे हैं, जो शरीर को वह फायदा नहीं देता जो असली फल देते हैं।
2. शुगर का छिपा हुआ खजाना
शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बाज़ार में मिलने वाले कई जूस के पैकेट में उतनी ही चीनी (Sugar) हो सकती है जितनी किसी कोल्ड ड्रिंक में होती है। कंपनियाँ स्वाद को बढ़ाने और उसे लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए ढेर सारी शुगर ऐड करती हैं। भले ही पैकेट पर "No Added Sugar" लिखा हो, लेकिन फलों की अपनी मिठास को गाढ़ा (Concentrated) करके डाला जाता है, जो अंततः शरीर में ग्लूकोज का स्तर ही बढ़ाता है।
3. मोटापे और डायबिटीज को बुलावा
जब आप पैकेट वाला जूस पीते हैं, तो शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बहुत तेज़ी से बढ़ता है। इसमें फाइबर नहीं होता, इसलिए शरीर इसे तुरंत सोख लेता है। यह अचानक बढ़ी हुई शुगर 'इन्सुलिन स्पाइक' का कारण बनती है। अगर आप रोज़ाना इसका सेवन करते हैं, तो धीरे-धीरे आपका वजन बढ़ने लगता है और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी पैदा हो सकता है। हम सोचते हैं कि हम हेल्दी डाइट ले रहे हैं, लेकिन अनजाने में हम कैलोरीज बढ़ा रहे होते हैं।
4. असली नहीं, केमिकल का कमाल
सोचने वाली बात है, अगर आप घर पर संतरे का जूस निकालें तो वह कितने दिन ताज़ा रहेगा? एक या दो दिन? फिर बाज़ार का जूस 6 महीने तक कैसे खराब नहीं होता? जवाब है— प्रिजर्वेटिव्स (Preservatives)। इन जूस को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के केमिकल्स और आर्टिफीसियल फ्लेवर्स मिलाए जाते हैं। यह प्रक्रिया जूस के प्राकृतिक पोषक तत्वों को लगभग खत्म कर देती है।
तो फिर क्या करें?
इसका मतलब यह नहीं कि जूस पीना पाप है, लेकिन तरीका बदलना ज़रूरी है।
- कोशिश करें कि फल को चबाकर खाएं: फलों को दांतों से चबाकर खाने का अपना ही मज़ा है और यह सबसे बेहतरीन तरीका है। इससे आपको पूरा पोषण और फाइबर मिलता है।
- ताज़ा जूस है विकल्प: अगर जूस पीना ही है, तो घर पर ताज़े फलों का रस निकालें और बिना चीनी मिलाए तुरंत पी लें।
- लेबल पढ़ें: अगर कभी मज़बूरी में पैकेट वाला जूस लेना भी पड़े, तो पैकेट के पीछे लिखे इंग्रीडिएंट्स (Ingredients) ज़रूर पढ़ें। जिसमें चीनी कम हो और 'Pulp' (गूदा) ज्यादा हो, वही चुनें।
सेहत अनमोल है, इसे रंगीन पैकेटों के भरोसे न छोड़ें। थोड़ी सी समझदारी आपको और आपके परिवार को बीमारियों से दूर रख सकती है। तो अगली बार जब प्यास लगे, तो टेट्रा पैक की जगह एक ताज़ा सेब या संतरा उठाएं!
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