स्लो ईटिंग का जादू सिर्फ खाने की रफ़्तार धीमी करके कैसे कई बीमारियों से बच सकते हैं आप?

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News India Live, Digital Desk : बचपन में नानी-दादी अक्सर टोकती थीं "बेटा, खाना चबा-चबाकर आराम से खाओ।" तब हमें लगता था कि वे बेवजह टोक रही हैं, क्योंकि हमें तो खेलने जाने की जल्दी होती थी। लेकिन आज समझ आता है कि उस पुरानी नसीहत में कितना बड़ा विज्ञान छिपा था।

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, खाना सिर्फ एक 'टास्क' बनकर रह गया है जिसे हम जल्द से जल्द निपटाना चाहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी ये हड़बड़ी आपके शरीर को अंदर ही अंदर बीमार बना रही है? अगर आप भी "गोली की रफ़्तार" से खाना खाते हैं, तो संभल जाइये, क्योंकि इसके परिणाम सिर्फ़ पेट दर्द तक सीमित नहीं हैं।

आइए आसान भाषा में समझते हैं कि जल्दी खाने से हमारे शरीर में क्या गड़बड़ होती है।

1. वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण
अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कांटा अपनी जगह से हिल नहीं रहा, तो अपनी खाने की स्पीड चेक करें। हमारा दिमाग पेट भरने का सिग्नल देने में लगभग 20 मिनट लगाता है। जब हम जल्दी-जल्दी खाते हैं, तो दिमाग को सिग्नल मिलने से पहले ही हम जरूरत से ज्यादा (Overeating) खा चुके होते हैं। नतीजा? पेट तो भरता है, लेकिन शरीर पर एक्स्ट्रा चर्बी चढ़ने लगती है।

2. पाचन तंत्र की शामत
पाचन की प्रक्रिया पेट में नहीं, मुँह में शुरू होती है। जब हम खाने को ठीक से चबाते हैं, तो लार (Saliva) उसमें मिलकर उसे पचाने लायक बनाती है। लेकिन जब हम बिना चबाए बड़े-बड़े निवाले निगल जाते हैं, तो पेट को उसे पचाने के लिए डबल मेहनत करनी पड़ती है। इसी वजह से खाने के बाद भारीपन, गैस, बदहजमी और सीने में जलन की शिकायत रहने लगती है।

3. डायबिटीज का खतरा
सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन जल्दी खाना आपको डायबिटीज के करीब ले जा सकता है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जब हम बहुत तेजी से खाना खाते हैं, तो हमारे खून में शुगर का स्तर एकदम से (Sudden Spike) बढ़ जाता है। बार-बार ऐसा होने से शरीर में इंसुलिन का संतुलन बिगड़ने लगता है, जो भविष्य में शुगर की बीमारी का कारण बन सकता है।

4. खाने के स्वाद से दूरी
ईश्वर ने हमें खाना सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, स्वाद के लिए भी दिया है। जल्दी खाने के चक्कर में हम भोजन के असली स्वाद, उसकी बनावट और खुशबू का आनंद ही नहीं ले पाते। इसे 'माइंडलेस ईटिंग' कहते हैं, जिससे न तो मन तृप्त होता है और न ही तन।

सुधारना है बहुत आसान
आदत बदलने में वक़्त लगता है, लेकिन शुरुआत आज से ही करें।

  • खाने के लिए कम से कम 20-30 मिनट का समय निकालें।
  • हर निवाले को कम से कम 15-20 बार चबाएं।
  • टीवी या मोबाइल देखते हुए न खाएं, क्योंकि इससे ध्यान भटकता है और हम ज्यादा खा लेते हैं।

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