रितु बनावत और अनीता जाटव पर कसा शिकंजा, अब सदाचार समिति खोलेगी सच की फाइल

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News India Live, Digital Desk : राजस्थान में विधायकों के कथित "40% कमीशन" वाले स्टिंग ऑपरेशन ने जो तूफ़ान खड़ा किया था, वह थमने का नाम नहीं ले रहा। अब यह मामला टीवी डिबेट से निकलकर सीधे राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) की चौखट पर पहुँच गया है।

बड़ी खबर यह है कि विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच 'सदाचार समिति' (Ethics Committee) को सौंप दी है। अब निर्दलीय विधायक रितु बनावत (Ritu Banawat) और कांग्रेस विधायक अनीता जाटव (Anita Jatav) को समिति के कड़े सवालों का सामना करना पड़ेगा।

क्या होता है सदाचार समिति का काम?
आसान भाषा में समझें तो यह विधानसभा की वह कमिटी है जो यह देखती है कि माननीय विधायक जी का आचरण (Behavior) सही है या नहीं। अगर कोई विधायक अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करता है या भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो यह कमिटी उस पर कार्रवाई की सिफारिश करती है।

अब आगे क्या होगा?

  1. नोटिस और जवाब: सदाचार समिति ने जांच शुरू कर दी है। दोनों विधायकों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। उनसे पूछा जाएगा कि वीडियो में जो दिख रहा है, उसकी सच्चाई क्या है?
  2. वीडियो की फॉरेंसिक जांच: विधायक कह रही हैं कि वीडियो 'फेक' है। ऐसे में समिति वीडियो की फॉरेंसिक जांच भी करवा सकती है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
  3. कुर्सी पर खतरा? अगर जांच में यह साबित हो गया कि उन्होंने वाकई कमीशन मांगा था, तो मामला उनकी सदस्यता (Membership) रद्द् होने तक भी जा सकता है। यह एक बहुत गंभीर मसला है।

अनीता जाटव और रितु बनावत का क्या कहना है?
जहां रितु बनावत शुरू से ही वीडियो को फर्जी बता रही हैं और सीबीआई जांच की मांग कर रही हैं, वहीं हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव भी खुद को बेकसूर बता रही हैं। लेकिन कैमरे पर जो बातें रिकॉर्ड हुई हैं, उसने जनता के मन में सवाल तो खड़े कर ही दिए हैं।

जनता की नजरें टिकीं
राजस्थान की जनता अब इस फैसले का इंतज़ार कर रही है। लोग जानना चाहते हैं कि क्या जिन हाथों में उन्होंने अपनी 'विधायक निधि' सौंपी थी, वो हाथ वाकई 'कमीशन' से सने हैं?

दोस्तों, राजनीति में शुचिता (Honesty) बहुत ज़रूरी है। अगर चुने हुए प्रतिनिधि ही ऐसा करेंगे, तो विकास कैसे होगा? अब गेंद सदाचार समिति के पाले में है। देखते हैं ऊंट किस करवट बैठता है।

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