नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने आज अपने टिकटिंग सिस्टम को एकीकृत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इससे दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को निर्बाध यात्रा की सुविधा मिलेगी। यह सहयोग ‘वन इंडिया – वन टिकट’ पहल के अनुरूप है। यह यात्रियों को एक ही मंच पर नमो भारत और दिल्ली मेट्रो दोनों सेवाओं के लिए क्यूआर कोड टिकट बुक करने की अनुमति देगा। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल और डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस एकीकरण के तहत, आरआरटीएस कनेक्ट ऐप पर नमो भारत ट्रेन टिकट बुक करने वाले यात्री इसके साथ दिल्ली मेट्रो टिकट भी खरीद सकते हैं। इसी तरह, मेट्रो टिकट बुकिंग के लिए डीएमआरसी मोबाइल ऐप से नमो
भारत ट्रेन टिकट भी बुक किए जा सकते हैं
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गति शक्ति मास्टर प्लान के अनुरूप पहल
यह पहल पीएम राष्ट्रीय गति शक्ति मास्टर प्लान के अनुरूप है, जिसमें परिवहन के विभिन्न साधनों के बीच निर्बाध एकीकरण की परिकल्पना की गई है। आरआरटीएस स्टेशनों को मौजूदा रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों और बस डिपो के साथ रणनीतिक रूप से एकीकृत किया जा रहा है, जिससे परिवहन का एक व्यापक नेटवर्क तैयार हो रहा है। यह गठजोड़ एनसीआरटीसी और डीएमआरसी नेटवर्क के बीच संक्रमण के दौरान विभिन्न टिकटिंग ऐप के बीच स्विच करने की आवश्यकता को समाप्त कर देगा। यह पहल दिल्ली-एनसीआर में यात्रा के लिए रेल-आधारित हरित परिवहन को बढ़ावा देती है।
डीएमआरसी नेटवर्क से निर्बाध रूप से जुड़ा हुआ
वर्तमान में चालू 42 किलोमीटर का आरआरटीएस कॉरिडोर 393 किलोमीटर के डीएमआरसी नेटवर्क से निर्बाध रूप से जुड़ा हुआ है, जो यात्रियों को पूरे एनसीआर में एकीकृत और कुशल टिकटिंग और यात्रा का अनुभव प्रदान करता है। यह एकीकरण सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करता है, जो सवारियों की संख्या बढ़ाने और इन बड़ी परियोजनाओं की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
यह पहल हाल ही में IRCTC प्लेटफॉर्म पर नमो भारत ट्रेन टिकट बुक करने के लिए NCRTC और IRCTC के बीच हुए एक समान समझौते के बाद की गई है। 180 किमी/घंटा की डिज़ाइन गति और 160 किमी/घंटा तक की परिचालन गति के साथ, नमो भारत ट्रेन इस क्षेत्र में यात्रा के समय को एक तिहाई तक कम कर देती है। नमो भारत ट्रेन सेवाओं को जून 2025 तक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के 82 किलोमीटर लंबे RRTS कॉरिडोर पर चालू करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे लोग एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा कर सकेंगे।
पहली ट्रेन कब आएगी?
अनुबंध के तहत 12 वंदे भारत ट्रेनों का पहला बैच प्रोटोटाइप के एक साल के भीतर आना है। अगर प्रोटोटाइप सितंबर 2025 में आता है, तो पहला बैच सितंबर 2026 तक आ जाना चाहिए। इसके बाद दूसरे साल 18 ट्रेनों का बैच बनाया जाएगा और फिर हर साल 25 ट्रेनें लॉन्च की जाएंगी। इन ट्रेनों के रखरखाव की सुविधा जोधपुर, दिल्ली और बेंगलुरु में विकसित की जाएगी।
कौन बनाएगा कितनी रेलगाड़ियां
नए टेंडर में साफ लिखा है कि इस प्रोजेक्ट को 4 कंपनियां काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस, जेवी-इंडिया रेल विकास निगम लिमिटेड, रूसी इंजीनियरिंग कंपनी मेट्रोवैगनमैश और लोकोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम मिलकर पूरा करेंगी। पहली दो कंपनियां 25 फीसदी ट्रेनों का निर्माण पूरा करेंगी, दूसरी 70 फीसदी और तीसरी 5 फीसदी ट्रेनों का निर्माण पूरा करेगी।