दिवाली पर शीर्ष 5 अस्वास्थ्यकर मिठाइयाँ: दिवाली पर मिठाइयों का महत्व सभी सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से गहराई से जुड़ा हुआ है। रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाने वाला दिवाली खुशी, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक है और मिठाइयां खुशी और प्यार की इस अभिव्यक्ति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती हैं। मिठाइयाँ खुशी और उत्सव का प्रतीक मानी जाती हैं।
दिवाली पर अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ बाँटना एक पारंपरिक प्रथा है। इसे रिश्तों में मिठास लाने, परिवार और दोस्तों के बीच प्यार और सहयोग को बढ़ावा देने के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। लेकिन दिवाली के मौके पर बाजार में कई तरह की मिठाइयां बिकती हैं, लेकिन उनमें से कुछ मिठाइयां मिलावट और अधिक चीनी और कैलोरी के कारण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इन मिठाइयों में मिलावट की संभावना अधिक होती है, जो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। यहां पांच मिठाइयां दी गई हैं जिन्हें दिवाली पर सबसे खतरनाक माना जाता है और आपको उनसे सावधान क्यों रहना चाहिए।
मावा आधारित मिठाइयाँ:
दिवाली के दौरान मावा से बनी मिठाइयाँ जैसे बर्फी, पेड़ा, खोयन मिठाइयाँ आदि अधिक बिकती हैं। इनमें मिलावटी मावा या सिंथेटिक मावा का इस्तेमाल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। मिलावटी मावा पेट की समस्याओं से लेकर फूड पॉइजनिंग तक का कारण बन सकता है। अगर आप इस मावे से बनी मिठाई खाते हैं तो आपको डायरिया और कब्ज जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है.
चॉकलेट-लेपित मिठाइयाँ:
चॉकलेट-लेपित मिठाइयाँ या चॉकलेट-स्वाद वाली मिठाइयाँ आकर्षक लग सकती हैं, लेकिन उनमें बहुत अधिक चीनी, कृत्रिम रंग और स्वाद हो सकते हैं। ये पदार्थ बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए हानिकारक हो सकते हैं, क्योंकि ये वजन बढ़ा सकते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।
चमचम और रसगुल्ला:
रसगुल्ला और चमचम जैसी मिठाइयाँ चाशनी में भिगोई जाती हैं और इनमें बहुत अधिक चीनी होती है। इन मिठाइयों के अत्यधिक सेवन से मधुमेह, मोटापा और दांतों की समस्या हो सकती है। इसके अलावा इन मिठाइयों में अक्सर कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं.
चांदी के वर्क वाली मिठाइयां:
मिठाइयों पर लगाए जाने वाले चांदी के वर्क की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठते रहते हैं। अक्सर काम में असली चांदी का उपयोग नहीं किया जाता है और हानिकारक धातुओं का उपयोग किया जाता है, जो शरीर के लिए विषाक्त हो सकते हैं। इससे लीवर और किडनी को नुकसान हो सकता है।
लड्डू और जलेबी:
लड्डू और जलेबी जैसी मिठाइयाँ तेल और चीनी से भरपूर होती हैं। त्योहारों के मौसम में इसका सेवन बड़ी मात्रा में किया जाता है, जिससे वजन बढ़ने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा का स्तर भी बढ़ सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से हानिकारक है जिन्हें पहले से ही हृदय संबंधी समस्याएं या मधुमेह है।
सावधान रहें:
– घर में बनी मिठाइयाँ स्वच्छ एवं सुरक्षित होती हैं।
-मिठाइयों का सेवन सीमित मात्रा में करें।
– पैक की गई मिठाइयों पर सामग्री और समाप्ति तिथि अवश्य जांच लें।
स्थानीय मिठाइयों में मिलावट की संभावना अधिक होती है, इसलिए केवल प्रतिष्ठित जगह से ही खरीदें। दावत का आनंद लें, लेकिन सेहत को ध्यान में रखते हुए मिठाई का सेवन करें।