प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ज़ेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत के साथ उनके पॉडकास्ट ‘पीपुल्स’ सीरीज में एक हल्के-फुल्के पल में Melodi Memes के बारे में खुलकर बात की। बातचीत के दौरान, कामत ने मजाकिया अंदाज में पीएम मोदी के इटली कनेक्शन का जिक्र किया, जिससे चर्चा और भी दिलचस्प हो गई।
निखिल कामत का सवाल और PM मोदी का जवाब
निखिल कामत ने मुस्कुराते हुए कहा,
“मुझे पिज्जा काफी पसंद है और पिज्जा इटली की डिश है। लोग कहते हैं कि आप इटली के बारे में बहुत कुछ जानते हैं।”
इस पर उन्होंने पीएम मोदी से पूछा,
“क्या आप इस बारे में कुछ कहना चाहेंगे?”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर हल्के अंदाज में प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“वो तो चलता रहता है।”
Hi friends, from #Melodi pic.twitter.com/OslCnWlB86
— Giorgia Meloni (@GiorgiaMeloni) June 15, 2024
क्या PM मोदी देखते हैं Memes?
कामत ने यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री सोशल मीडिया पर वायरल मीम्स देखते हैं। इस पर पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया,
“मैं उसमें अपना टाइम खराब नहीं करता।”
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि वह मीम्स पर ज्यादा ध्यान नहीं देते और ऐसे मुद्दों को सोचकर समय बर्बाद करने में विश्वास नहीं रखते।
क्या हैं ‘Melodi Memes’?
Melodi का मतलब है मोदी + मेलोनी। यह मीम्स पहली बार पिछले साल सितंबर में वायरल हुए थे, जब इटली में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की एक साथ बातचीत और हंसते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया था।
शिखर सम्मेलन के बाद, जियोर्जिया मेलोनी ने पीएम मोदी के साथ एक सेल्फी वीडियो साझा किया था, जिसमें उन्होंने लिखा,
“मेलोडी टीम की ओर से हैलो।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा था,
“भारत-इटली मित्रता अमर रहे!”
इसके बाद से सोशल मीडिया पर ‘Melodi Memes’ की बाढ़ आ गई। ये मीम्स अक्सर भारत और इटली के संबंधों को मजेदार तरीके से पेश करते हैं।
खाने के बारे में PM मोदी का खुलासा
बातचीत के दौरान खाने को लेकर भी चर्चा हुई, जहां पीएम मोदी ने खुलासा किया कि वह खाने के शौकीन नहीं हैं। उन्होंने कहा,
“किसी भी देश में जो भी परोसा जाता है, मैं खुशी-खुशी खा लेता हूं। लेकिन अगर आप मुझे रेस्टोरेंट में ले जाएं और मुझसे मेन्यू देखकर कुछ ऑर्डर करने को कहें, तो मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगा।”
संघ के दिनों का किस्सा
प्रधानमंत्री ने अपने शुरुआती दिनों का एक किस्सा साझा किया, जब वह संघ के लिए काम करते थे। उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट में खाने का ऑर्डर देना उनके लिए चुनौतीपूर्ण होता था।
“मैं भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली जी से हमेशा मेरे लिए खाना ऑर्डर करने को कहता था। मैंने उनसे बस यह अनुरोध किया कि खाना शाकाहारी होना चाहिए। मुझे नहीं पता कि मेन्यू में जो लिखा है और जो मेरे सामने आएगा, वह एक ही चीज होगी या नहीं। इसलिए मैं उस पर कभी ज्यादा ध्यान नहीं देता था।”