मध्य प्रदेश के सिंगरोली जिले में रविवार को सीबीआई ने बड़े पैमाने पर छापेमारी की. नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) से जुड़े अधिकारियों और आपूर्तिकर्ताओं को कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में रखा गया है।
यह कार्रवाई शनिवार रात को सीबीआई की जबलपुर इकाई के एक डीएसपी की गिरफ्तारी के बाद हुई है। उन पर एनसीएल के कुछ अधिकारियों के साथ कथित संलिप्तता का आरोप है जो संदेह के घेरे में हैं।
सीबीआई डीएसपी की गिरफ्तारी के बाद मिले सबूतों के बाद टीम ने एनसीएल में छापेमारी की. इस बीच लाखों रुपये की नकदी मिली है. इस मामले में सीबीआई ने सोमवार को नोएडा और मेरठ में भी छापेमारी की.
सूत्रों के मुताबिक, रविवार को छापेमारी के दौरान सीबीआई को करीब पांच करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति मिली है. जिसमें चार करोड़ की नकदी शामिल है.
जिन परिसरों पर छापेमारी की गई उनमें सूबेदार ओझा, एनसीएल के सीएमडी बी साईराम के निजी सहायक , एनसीएल के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी बीके सिंह और एनसीएल के मुख्य आपूर्तिकर्ता रवि सिंह के घर शामिल हैं।
दरअसल खबरें थीं कि सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बीमारी की शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
एनसीएल को महंगी मशीनरी और उपकरणों के प्रमुख आपूर्तिकर्ता सिंह की सिगरोली में भारी हिस्सेदारी है। इस कार्रवाई में 30 सीबीआई अधिकारी शामिल थे. एजेंसी ने अभी तक चल रही जांच पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
बता दें कि डीएसपी पांचवें अधिकारी हैं जिन्हें तीन महीने के अंदर सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. इससे पहले नर्सिंग घोटाले की जांच में सीबीआई ने अपने ही अधिकारियों को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया था.