पेट में लगी है आग? तो किचन में रखी ये 3 चीजें करेंगी फायर ब्रिगेड का काम, तुरंत मिलेगा आराम

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News India Live, Digital Desk : क्या आपको भी खाना खाने के थोड़ी देर बाद ऐसा लगता है जैसे सीने में आग लग गई हो? या फिर मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है और खट्टी डकारें (Acid Reflux) परेशान करने लगती हैं? अगर हाँ, तो समझ लीजिए कि आपके पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) का लेवल गड़बड़ा गया है।

अक्सर हम मसालेदार पिज्जा-बर्गर या छोले-भटूरे तो मजे से खा लेते हैं, लेकिन उसके बाद जो जलन शुरू होती है, वो चैन से बैठने नहीं देती। ज्यादातर लोग तुरंत एंटासिड (Eno या गोली) ढूंढने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार दवा लेने से पेट और कमजोर हो जाता है? इसकी जगह, क्यों न हम उन चीजों का इस्तेमाल करें जो सदियों से हमारे बुजुर्ग इस्तेमाल करते आ रहे हैं?

आज हम आपको आयुर्वेद के कुछ ऐसे सीक्रेट्स बता रहे हैं जो हाई एसिडिटी (Hyperacidity) को जड़ से शांत कर सकते हैं।

1. आंवला: एसिडिटी का काल
आयुर्वेद में आंवले (Indian Gooseberry) को 'अमृत' माना गया है, और पेट की समस्याओं के लिए तो यह किसी वरदान से कम नहीं। आंवला हमारे पेट की गर्मी (पित्त) को शांत करता है।

  • नुस्खा: अगर बहुत ज्यादा जलन हो रही हो, तो एक चम्मच आंवले का चूर्ण थोड़े से पानी के साथ ले लें। आप आंवले का मुरब्बा भी खा सकते हैं, यह ठंडक भी देता है और ताकत भी।

2. मुलेठी (Mulethi): गले और पेट की दोस्त
अगर एसिड गले तक आ रहा है, तो मुलेठी का छोटा सा टुकड़ा चूसना शुरू कर दें। मुलेठी पेट के अंदर की परत को ठीक करती है और अल्सर जैसी समस्याओं से बचाती है। इसका चूर्ण ठंडे दूध या शहद के साथ लेने से HCL तुरंत न्यूट्रलाइज हो जाता है।

3. धनिए का पानी: ठंडक की गारंटी
हमारी रसोई में रखा सूखा धनिया सिर्फ मसाले के लिए नहीं है।

  • नुस्खा: रात को एक चम्मच खड़ा धनिया और थोड़ी सी मिश्री एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह उठकर इस पानी को छानकर पी लें। यकीन मानिए, पेट को इतनी ठंडक मिलेगी कि आप सारी जलन भूल जाएंगे।

4. घी: पित्त नाशक
हैरान हो गए? लेकिन यह सच है। खाने से पहले अगर आप आधा चम्मच देसी घी ले लें, तो यह पेट में लुब्रिकेशन का काम करता है और एसिड को ज्यादा बनने से रोकता है। लेकिन याद रहे, घी शुद्ध होना चाहिए।

खान-पान में छोटा सा बदलाव:
सिर्फ नुस्खे ही नहीं, थोड़ी आदतें भी बदलें। बहुत ज्यादा मिर्च, अचार और चाय-कॉफी से दूरी बना लें। आयुर्वेद कहता है कि "खाना चबा-चबाकर खाएं और खुश मन से खाएं", आधी एसिडिटी तो वैसे ही खत्म हो जाएगी।

इन छोटे-छोटे उपायों को आजमाइए, और अपने पाचन तंत्र को एक नई जिंदगी दीजिए। आखिर सेहतमंद पेट ही तो खुशहाल जीवन की चाबी है!

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