उत्तर प्रदेश पर मौसम का 'डबल अटैक': सूरज गायब, हवा ज़हरीली, लखनऊ में जीना हुआ मुहाल
उत्तर प्रदेश, खासकर राजधानी लखनऊ, इस वक्त कड़ाके की सर्दी की ऐसी चपेट में है, जिसे 'सुनामी' कहना गलत नहीं होगा. आलम यह है कि सूरज ने जैसे छुट्टी ले ली है और पूरा शहर घने कोहरे और बर्फीली हवाओं की कैद में है. लेकिन इस बार खतरा सिर्फ ठंड का नहीं है, बल्कि हवा में घुलता 'ज़हर' कहीं ज़्यादा खतरनाक साबित हो रहा है.
सूरज क्यों हो गया गायब?
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक के बाद एक दो नए 'पश्चिमी विक्षोभ' (Western Disturbances) सक्रिय हो गए हैं. आसान भाषा में समझें तो ये नमी और ठंडक से भरी हवाएं हैं जो पहाड़ों पर बर्फबारी कराकर मैदानी इलाकों में बर्फीली हवाओं और घने कोहरे की दीवार खड़ी कर देती हैं. इसी वजह से धूप जमीन तक नहीं पहुंच पा रही है, जिससे दिन में भी रात जैसी ठंडक और अंधेरा महसूस हो रहा है.
लखनऊ में 'सांसों पर संकट'
राजधानी लखनऊ की स्थिति सबसे चिंताजनक है. यहां ठंड और कोहरे के साथ-साथ प्रदूषण ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 के पार चला गया है, जो 'गंभीर' या 'खतरनाक' श्रेणी में आता है.
AQI 450 का क्या मतलब है?
इसका सीधा मतलब है कि लखनऊ की हवा में सांस लेना कई सिगरेट एक साथ पीने के बराबर खतरनाक है. यह ज़हरीली हवा न सिर्फ सांस के मरीजों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा है, बल्कि एक स्वस्थ इंसान के फेफड़ों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो रही हैं.
शीतलहर ने तोड़ी कमर
दिनभर धूप न निकलने और लगातार चलती बर्फीली हवाओं के कारण पूरा प्रदेश भीषण शीतलहर की चपेट में है. रात का तापमान तो गिर ही रहा है, दिन के तापमान में भी भारी गिरावट आई है, जिससे लोगों को चौबीसों घंटे कंपकंपी छूट रही है.
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले कुछ दिनों तक इस 'डबल अटैक' से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. लोगों को सलाह दी गई है कि वे घरों में ही रहें, गर्म कपड़े पहनें और खासकर सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें.
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