9 जनवरी 2025, गुरुवार का दिन हिंदू पंचांग के अनुसार विशेष महत्व रखता है। इस दिन पौष मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। तिथि के साथ भरणी नक्षत्र और साध्य योग का संयोग इसे शुभ बनाता है। साथ ही, दिन के प्रमुख शुभ और अशुभ मुहूर्त, राहुकाल और चंद्रमा की स्थिति से जुड़ी जानकारी दैनिक कार्यों की योजना बनाने में सहायक होती है।
दैनिक पंचांग | 9 जनवरी 2025
पंचांग तत्व | विवरण |
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तिथि | दशमी (12:22 तक) |
नक्षत्र | भरणी (15:06 तक) |
योग | साध्य (17:22 तक) |
प्रथम करण | गारा (12:22 तक) |
द्वितीय करण | वणिज (23:21 तक) |
वार | गुरुवार |
सूर्योदय | 07:18 |
सूर्यास्त | 17:36 |
चंद्रमा की स्थिति | मेष राशि |
राहुकाल | 13:45 − 15:02 |
अभिजीत मुहूर्त | 12:07 − 12:48 |
विक्रमी संवत | 2081 |
शक संवत | 1946 |
हिंदू पंचांग क्या है?
हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग भी कहा जाता है, समय और काल की सटीक गणना का प्राचीन साधन है। पंचांग में पांच प्रमुख अंग होते हैं:
- तिथि
- नक्षत्र
- वार
- योग
- करण
इन पांचों तत्वों के आधार पर शुभ-अशुभ मुहूर्त और दिनचर्या तय की जाती है।
तिथि
तिथि चंद्रमा और सूर्य के बीच की स्थिति से निर्धारित होती है। हर महीने में कुल 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल पक्ष (अमावस्या से पूर्णिमा) और कृष्ण पक्ष (पूर्णिमा से अमावस्या) में विभाजित होती हैं।
- आज की तिथि: दशमी (शुक्ल पक्ष)
- तिथि के नाम: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा/अमावस्या।
नक्षत्र
नक्षत्र आकाश के तारा समूहों को दर्शाते हैं। इनकी संख्या 27 है और हर नक्षत्र पर नौ ग्रहों का स्वामित्व होता है।
- आज का नक्षत्र: भरणी (15:06 तक)।
- प्रमुख 27 नक्षत्र: अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती।
वार
वार यानी दिन। सप्ताह के सात दिन ग्रहों के नाम पर आधारित हैं:
- सोमवार (चंद्र ग्रह),
- मंगलवार (मंगल ग्रह),
- बुधवार (बुध ग्रह),
- गुरुवार (बृहस्पति ग्रह),
- शुक्रवार (शुक्र ग्रह),
- शनिवार (शनि ग्रह),
- रविवार (सूर्य ग्रह)।
- आज का वार: गुरुवार।
योग
सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरियों पर आधारित गणना को योग कहते हैं। योग 27 प्रकार के होते हैं।
- आज का योग: साध्य (17:22 तक)।
- प्रमुख योगों के नाम: विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र, वैधृति।
करण
एक तिथि में दो करण होते हैं। ये 11 प्रकार के होते हैं:
- बव
- बालव
- कौलव
- तैतिल
- गर
- वणिज
- विष्टि
- शकुनि
- चतुष्पाद
- नाग
- किस्तुघ्न
- आज का करण: गारा (12:22 तक), वणिज (23:21 तक)।
राहुकाल
राहुकाल दिन का वह समय होता है जिसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से बचा जाता है।
- आज का राहुकाल: 13:45 − 15:02।
अभिजीत मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त दिन का शुभ समय होता है। इसे कार्यों की शुरुआत के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
- आज का अभिजीत मुहूर्त: 12:07 − 12:48।