जमशेदपुर में गरजा बुलडोजर, राष्ट्रपति मुर्मू के आगमन से पहले टाटा स्टेशन से करनडीह तक साफ़ हुईं 200 दुकानें
News India Live, Digital Desk : देश की प्रथम नागरिक और हम सबकी गर्व, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) 29 दिसंबर को अपनी कर्मभूमि रहे झारखंड के जमशेदपुर (Jamshedpur) आ रही हैं। उनके इस वीआईपी दौरे को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस-रेलवे का अमला पूरी तरह से 'मिशन मोड' में आ गया है। जहाँ एक तरफ शहर को सजाने की कोशिशें हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ सुरक्षा और साफ-सफाई के नाम पर सड़कों को अतिक्रमण मुक्त (Encroachment Free) किया जा रहा है।
टाटानगर से करनडीह तक 'बुलडोजर एक्शन'
अगर आप पिछले 24 घंटों में टाटानगर स्टेशन या खासमहल इलाके से गुजरे हैं, तो आपको वहां का माहौल बदला-बदला सा लगा होगा। राष्ट्रपति के काफिले के गुजरने वाले संभावित रास्तों को पूरी तरह साफ करने के लिए प्रशासन ने एक बड़ा अभियान चलाया है।
- कार्रवाई कहां हुई: अभियान की शुरुआत जुगसलाई रेलवे क्रॉसिंग और स्टेशन के पास से हुई। इसके बाद परसूडीह, खासमहल होते हुए टीम सीधे करनडीह चौक तक पहुंची।
- क्या हटाया गया: इस दौरान सड़क किनारे लगीं करीब 200 से ज्यादा छोटी-बड़ी दुकानें, गुमटी, ठेले और अवैध निर्माणों को हटा दिया गया। कई जगहों पर जहां पक्के निर्माण थे, वहां जेसीबी (JCB) मशीन का इस्तेमाल भी करना पड़ा।
क्यों दिखाई गई इतनी सख्ती?
29 दिसंबर को राष्ट्रपति महोदया का काफिला इसी रास्ते से गुजरने की संभावना है। वे करनडीह स्थित 'LBSM कॉलेज' और वहां के कार्यक्रमों में शिरकत करेंगी।
सुरक्षा प्रोटोकॉल (Security Protocol) के तहत यह ज़रूरी है कि VVIP रूट पर भीड़-भाड़ न हो और सड़कें चौड़ी और साफ़ रहें ताकि काफिला बिना किसी रुकावट के गुजर सके। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे इंजीनियरिंग विभाग, आरपीएफ (RPF) और स्थानीय पुलिस ने मिलकर यह संयुक्त कार्रवाई की।
दुकानदारों को सख्त चेतावनी
प्रशासन ने कार्रवाई के साथ-साथ कड़ा संदेश भी दिया है। अधिकारियों ने लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट करते हुए साफ कहा कि अगर 29 दिसंबर तक दोबारा किसी ने सड़क पर दुकान या ठेला लगाने की कोशिश की, तो इस बार सिर्फ़ हटाया नहीं जाएगा, बल्कि सामान जब्त कर कानूनी कार्रवाई (FIR) की जाएगी। एसडीओ कार्यालय (SDO) और ट्रैफिक डीएसपी खुद पूरी व्यवस्था पर नज़र बनाए हुए हैं।
शहर की सुंदरता और सुरक्षा प्राथमिकता
हालांकि, अतिक्रमण हटाने से कुछ गरीब दुकानदारों को परेशानी जरूर हुई है, लेकिन राष्ट्रीय महत्व के इस कार्यक्रम और सुरक्षा कारणों से यह कदम ज़रूरी बताया जा रहा है। सड़कें खाली होने से ट्रैफिक भी स्मूथ हो गया है। अब पूरा शहर अपनी ‘बेटी’के स्वागत के लिए पलकें बिछाए इंतज़ार कर रहा है।
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