राजस्थान में पुलिस और बजरी माफिया के गठजोड़ पर सर्जिकल स्ट्राइक, विजिलेंस के जाल में फंस गए 5 थानेदार, हुए सस्पेंड
News India Live, Digital Desk : हम अक्सर फिल्मों में देखते हैं कि कैसे एक ईमानदार अफ़सर सादे कपड़ों में निकलता है और भ्रष्ट सिस्टम की पोल खोलता है। कुछ ऐसा ही नजारा पिछले दो दिनों में राजस्थान में देखने को मिला। लेकिन यह कोई फिल्म नहीं, बल्कि राजस्थान पुलिस मुख्यालय (PHQ) का एक 'रियल' एक्शन था।
अवैध बजरी खनन (Sand Mining) राजस्थान की एक बहुत बड़ी समस्या रही है, लेकिन दुखद बात यह है कि इसे रोकने वाले कुछ पुलिसकर्मी ही माफिया के साथी बन गए थे। जब यह शिकायतें ऊपर तक पहुंचीं, तो पुलिस मुख्यालय ने एक ऐसा जाल बिछाया, जिसमें खुद पुलिस वाले ही फंस गए।
कैसे हुआ यह 'डिकॉय ऑपरेशन'?
डीजीपी यूआर साहू और एडीजी (विजिलेंस) वी. सेंगाथिर के आदेश पर 18 और 19 दिसंबर को एक बेहद गुप्त 'डिकॉय ऑपरेशन' (Decoy Operation) चलाया गया। इसमें विजिलेंस टीम के अधिकारी पुलिस की वर्दी में नहीं, बल्कि आम ट्रक ड्राइवर या बजरी खरीदार बनकर अलग-अलग थानों के इलाकों से गुजरे।
मकसद यह देखना था कि क्या स्थानीय पुलिस बजरी के ट्रकों को रोकती है या पैसे लेकर जाने देती है। और जैसा शक था, वही हुआ। कई थानों की पुलिस बजरी माफिया से मिली हुई पाई गई।
बड़ी कार्रवाई: 5 सस्पेंड, 6 लाइन हाजिर
विजिलेंस की रिपोर्ट मेज़ पर आते ही एक्शन शुरू हो गया। लापरवाही और भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर 5 थानों के प्रभारियों (SHO) को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है और 6 को लाइन हाजिर किया गया है।
सस्पेंड होने वाले SHO की लिस्ट:
- हरपाल सिंह - एसएचओ, शिवदासपुरा (जयपुर दक्षिण)
- नरपत राम - एसएचओ, पीसांगन (अजमेर)
- प्रहलाद सहाय - एसएचओ, पीपलू (टोंक)
- हरिराम - एसएचओ, बरौनी (टोंक)
- प्रवर्त यादव - एसएचओ, कोतवाली (धौलपुर)
इन्हें किया गया लाइन हाजिर:
कोटा शहर के कुन्हाड़ी और नांता थाना, भीलवाड़ा का गुलाबपुरा, दौसा का लालसोट, चित्तौड़गढ़ का गंगरार और जोधपुर पश्चिम के लूणी थाने के प्रभारी को हटाकर लाइन में भेज दिया गया है।
माहौल बदल रहा है
इस कार्रवाई ने पूरे पुलिस विभाग को हिलाकर रख दिया है। यह उन तमाम अफसरों के लिए एक कड़ा संदेश है जो अपनी वर्दी का फ़र्ज़ भूलकर माफियाओं से हाथ मिला लेते हैं। पुलिस मुख्यालय ने साफ़ कर दिया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच भी होगी।
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