लखनऊ में खेती-किसानी के भविष्य पर बड़ा मंथन अब रोबोट और AI करेंगे खेतों की रखवाली
News India Live, Digital Desk: हम अक्सर फिल्मों में देखते हैं कि मशीने इंसानों का काम आसान कर रही हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके गांव के खेत में एक रोबोट बुवाई कर रहा हो या आसमान में उड़ता हुआ ड्रोन (Drone) बता दे कि फसल में कौन सा कीड़ा लगने वाला है?
यह कोई विज्ञान कथा नहीं, बल्कि आने वाला कल है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) इन दिनों एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना की गवाह बन रही है, जहाँ दुनिया भर के वैज्ञानिक और एक्सपर्ट्स जुटे हैं।
यहाँ इंटरनेशनल कांग्रेस ऑन एआई एंड रोबोटिक्स इन स्मार्ट एग्रीकल्चर (AIRSA) का आयोजन हो रहा है। आसान भाषा में कहें तो, यह एक महाकुंभ है जहाँ चर्चा हो रही है कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स का इस्तेमाल करके हमारे किसानों की जिंदगी बदली जा सकती है।
हम अक्सर फिल्मों में देखते हैं कि मशीने इंसानों का काम आसान कर रही हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके गांव के खेत में एक रोबोट बुवाई कर रहा हो या आसमान में उड़ता हुआ ड्रोन (Drone) बता दे कि फसल में कौन सा कीड़ा लगने वाला है?
यह कोई विज्ञान कथा नहीं, बल्कि आने वाला कल है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) इन दिनों एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना की गवाह बन रही है, जहाँ दुनिया भर के वैज्ञानिक और एक्सपर्ट्स जुटे हैं।
यहाँ इंटरनेशनल कांग्रेस ऑन एआई एंड रोबोटिक्स इन स्मार्ट एग्रीकल्चर (AIRSA) का आयोजन हो रहा है। आसान भाषा में कहें तो, यह एक महाकुंभ है जहाँ चर्चा हो रही है कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स का इस्तेमाल करके हमारे किसानों की जिंदगी बदली जा सकती है।
खेती में रोबोट? आखिर ये करेंगे क्या?
इस कांफ्रेंस में वैज्ञानिकों ने बताया कि अब वह जमाना जा रहा है जब किसान सिर्फ अंदाजे से खेती करता था।
- बीमारी का डॉक्टर: जैसे हमें बुखार होने पर डॉक्टर थर्मामीटर लगाता है, वैसे ही AI टूल्स और सेंसर अब पौधों की सेहत बता देंगे। फसल खराब होने से पहले ही किसान को मोबाइल पर अलर्ट मिल जाएगा।
- सटीक दवाई: अक्सर किसान ज्यादा खाद या दवाई छिड़क देते हैं जिससे पैसा भी बर्बाद होता है और ज़मीन भी। रोबोट्स को पता होगा कि किस पौधे को कितनी दवाई चाहिए। इससे लागत घटेगी।
- लेबर की समस्या: आज के समय में खेतों में मजदूर नहीं मिलते। रोबोट्स बुवाई से लेकर कटाई तक के वो काम कर पाएंगे जिनमें बहुत मेहनत लगती है।
किसानों को मुनाफे का गणित
इस कार्यक्रम का मुख्य मकसद यही है कि खेती को 'घाटे का सौदा' होने से बचाया जाए। अगर किसान को पहले ही पता चल जाए कि मौसम कब खराब होगा, मिट्टी में नमी कितनी है और बाज़ार में किस फसल का भाव अच्छा मिलेगा, तो उनकी आमदनी अपने आप बढ़ जाएगी।
लखनऊ में हो रही यह चर्चा सिर्फ़ एक सेमिनार तक सीमित नहीं रहेगी। इसका फायदा जल्द ही यूपी और देश के बाकी किसानों तक पहुँचाने की कोशिश की जाएगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत जैसे देश में, जहाँ बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है, वहां 'स्मार्ट फार्मिंग' (Smart Farming) ही तरक्की का एक मात्र रास्ता है।
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