राजस्थान के वोटर्स के लिए खतरे की घंटी 42 लाख नाम लिस्ट से हटाए गए, कहीं आपका नाम भी तो SIR लिस्ट में नहीं?

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News India Live, Digital Desk : राजस्थान में अगर आप भी एक जागरूक वोटर हैं और सोचते हैं कि "अरे, मेरे पास तो वोटर आईडी है, मैं तो वोट दे ही दूंगा", तो थोड़ा ठहर जाइये। राज्य के चुनाव विभाग ने जो ताज़ा रिपोर्ट (Draft List) जारी की है, उसने सियासी गलियारों से लेकर आम जनता तक हड़कंप मचा दिया है।

दरअसल, राजस्थान में चल रहे 'सर' (SIR - Special Intensive Revision) यानी 'विशेष गहन पुनरीक्षण' अभियान के तहत वोटर लिस्ट की जो नई तस्वीर सामने आई है, वह थोड़ी डराने वाली है। करीब 42 लाख से ज्यादा वोटर्स के नाम लिस्ट से हटा (Delete) दिए गए हैं।

अब सवाल यह है कि यह 'SIR' आखिर है क्या और आपका नाम सुरक्षित है या नहीं? चलिए, बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं।

'SIR' का मतलब और अधूरापन

सबसे पहले तो कन्फ्यूजन दूर कर लीजिये। यहाँ 'सर' का मतलब किसी इंसान से नहीं, बल्कि Special Intensive Revision (SIR) से है। इस अभियान में घर-घर जाकर वोटर्स का सर्वे किया गया था।
हैरानी की बात यह है कि करीब 8 लाख 28 हजार से ज्यादा वोटर ऐसे पाए गए हैं, जिन्हें 'SIR' कैटेगरी में रखा गया है। इसका मतलब है कि इन लोगों के कागज यानी डॉक्यूमेंट्स (Documents) अधूरे हैं या फिर इनकी पहचान सही से 'मैप' नहीं हो पाई है। यानी चुनाव आयोग को यह पक्का नहीं पता कि ये लोग असल में उस पते पर रहते भी हैं या नहीं।

आपका नाम क्यों कट सकता है?

राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के मुताबिक, जिन 42 लाख नामों को हटाया गया है, उनके पीछे मुख्य 3 वजहें हैं:

  1. शिफ्टेड वोटर्स (Shifted): वो लोग जो अब अपने पुराने पते पर नहीं रहते (करीब 24 लाख लोग)।
  2. मृतक (Deceased): वे मतदाता जिनका निधन हो चुका है।
  3. डुप्लीकेट (Duplicate): एक ही आदमी का नाम दो-तीन जगहों पर चल रहा था।

लेकिन चिंता की बात उन 8-11 लाख लोगों के लिए है, जो वहाँ रहते तो हैं, पर सर्वे के दौरान उनके कागज़ात पूरे नहीं मिले। ऐसे लोगों को अब नोटिस दिया जा रहा है और अगर उन्होंने सही समय पर जवाब नहीं दिया, तो उनका नाम कट सकता है।

जयपुर वाले रहें ज्यादा सावधान!

आंकड़े बताते हैं कि राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा गड़बड़ी मिली है। यहाँ की बगरू विधानसभा सीट पर करीब 31 हजार से ज्यादा वोटर्स ऐसे हैं जिनके डॉक्यूमेंट्स मैच नहीं हुए हैं। यह एक बहुत बड़ा आंकड़ा है। यानी हर 10-12 में से 1 वोटर खतरे में है। इसके उलट, चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा में लोग काफी जागरूक निकले और वहाँ यह संख्या ना के बराबर है।

तो अब क्या करें? (अभी भी है मौका)

घबराने की जरूरत नहीं है, अभी भी वक्त आपके हाथ में है।

  • समय सीमा: अगर आपका नाम लिस्ट में नहीं है या आपको कोई नोटिस मिला है, तो आपके पास 15 जनवरी 2026 तक का समय है।
  • कहाँ जाएँ: आप अपने इलाके के बीएलओ (BLO) से मिलें या चुनाव अधिकारी के पास जाकर दावा/आपत्ति (Claim/Objection) दर्ज करवा सकते हैं।
  • डॉक्यूमेंट दें: अपना कोई भी एक वैध पहचान पत्र (ID Proof) और पते का सबूत जमा करें और अपना नाम दोबारा कन्फर्म करवा लें।
  • तारीखें: 7 फरवरी तक शिकायतों का निपटारा होगा और 14 फरवरी को फाइनल लिस्ट आ जाएगी।

दोस्तों, लोकतंत्र में वोट ही हमारी असली ताकत है। आलस न करें, आज ही अपने और अपने परिवार का नाम वोटर लिस्ट में चेक करें। कहीं ऐसा न हो कि अगली बार आप मतदान केंद्र जाएँ और वहाँ आपको निराश होकर लौटना पड़े।

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