क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों, कस्टोडियंस को सेल्फ अटेस्टेड डॉक्यूमेंट जमा करने की मिल सकती है इजाजत

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नई दिल्ली, 22 अगस्त (हि.स.)। मार्केट रेगुलेटर सेबी आने वाले दिनों में क्रेडिट रेटिंग एजेंसीज, केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसीज, कस्टोडियंस, डिपॉजिटरीज और इंडेक्स प्रोवाइडर्स को सेल्फ अटेस्टेड डॉक्यूमेंट सबमिट करने की इजाजत देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इस संबंध में सेबी ने आज ही एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है। इस कंसल्टेशन पेपर पर सेबी के पास 6 सितंबर तक राय भेजी जा सकती है।

सेबी की ओर से जारी कंसल्टेशन पेपर में कंपनी लॉ कमेटी की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार पारदर्शिता बढ़ाने और कारोबार में व्यक्तिगत स्वार्थ पर अंकुश लगाने के लिए ट्रस्ट आधारित सिस्टम को बढ़ावा देना चाहती है। इसके तहत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए एफिडेविट की जगह सेल्फ डिक्लेरेशन की इजाजत देने का प्रस्ताव किया गया है।

कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई राज्यों ने एफिडेविट की जगह पर सेल्फ डिक्लेरेशन का इस्तेमाल करना शुरू भी कर दिया है। कंपनी लॉ कमेटी की रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि सेल्फ डिक्लेरेशन वही काम करता है, जो काम एफिडेविट के जरिए होता है, लेकिन सेल्फ डिक्लेरेशन में औपचारिकताएं कम होती हैं। इसके साथ ही कानूनी व्यवस्था के तहत एफिडेविट के जरिए फर्जी बात कहे जाने पर उसी सजा का प्रावधान है, जो प्रावधान फर्जी सेल्फ डिक्लेरेशन देने पर है। ऐसी स्थिति में एफिडेविट की जगह सेल्फ डिक्लेरेशन या सेल्फ सर्टिफिकेशन का इस्तेमाल करने से कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि औपचारिकताएं कम हो जाने की वजह से काम की सुविधा बढ़ सकेगी।

सेबी के कंसल्टेशन पेपर में ये भी कहा गया है कि एफिडेविट का इस्तेमाल करने से न केवल खर्च बढ़ता है, बल्कि उनकी वजह से गैर जरूरी एप्रुवल्स का बोझ भी बढ़ जाता है। इन बातों को ध्यान में रखकर ही सेबी ने अपने कंसल्टेशन पेपर में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि नोटरी से डॉक्यूमेंट को अटेस्ट करने के नियम से सेल्फ अटेस्टेशन की तुलना में किसी अतिरिक्त उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती है। ऐसी स्थिति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए नोटराइज्ड एफिडेविट की जगह सेल्फ अटेस्टेड डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है। सेबी ने इस कंसल्टेशन पेपर के जरिए लोगों से राय मांगी है। छह सितंबर तक लोगों की राय एकत्र की जाएगी, जिसके बाद इस पर विचार विमर्श करने के बाद सेबी किसी आखिरी फैसले पर पहुंचेगी।