भारत में कैंसर: इस राज्य की महिलाएं इस कैंसर से ज्यादा प्रभावित, देखें टॉप 5 की लिस्ट

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भारत में कैंसर: भारत में कैंसर के मामलों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। आजकल दिल्ली की महिलाएं कुछ खास तरह के कैंसर का शिकार हो रही हैं। खराब जीवनशैली, बढ़ता प्रदूषण और खान-पान की गलत आदतें इसका मुख्य कारण हैं। कैंसर के ये मामले सिर्फ उम्रदराज महिलाओं तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि कम उम्र की महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस खबर में हम उन टॉप 5 कैंसर के बारे में बताएंगे, जो दिल्ली में महिलाओं में सबसे आम हैं। इन कैंसर के कारणों, लक्षणों और बचाव के उपायों को जानना बहुत जरूरी है ताकि समय रहते सही कदम उठाया जा सके और स्वस्थ जीवन जीया जा सके।

स्तन कैंसर

दिल्ली में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम है। अगर इस कैंसर का समय से पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। नियमित जांच और मैमोग्राफी से इस कैंसर का शुरुआती चरण में ही पता लगाया जा सकता है, एक अध्ययन के अनुसार, दिल्ली में 59% महिलाओं में स्तन कैंसर का निदान तब होता है जब यह पूरे शरीर में फैल चुका होता है। इससे उपचार कठिन हो जाता है और रोगी के जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

ग्रीवा कैंसर

सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय का कैंसर भी दिल्ली की महिलाओं में बहुत आम है। यह कैंसर ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण के कारण होता है। इसकी रोकथाम के लिए टीकाकरण और नियमित पैप स्मीयर परीक्षण बहुत महत्वपूर्ण हैं।

अंडाशयी कैंसर

दिल्ली की महिलाओं में भी ओवेरियन कैंसर देखा जा रहा है। शुरुआती चरण में इस कैंसर का पता लगाना मुश्किल है, इसलिए नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी है। डिम्बग्रंथि कैंसर, जिसे वृषण कैंसर भी कहा जाता है, तेजी से आम होता जा रहा है।

इस कैंसर को शुरुआती चरण में पहचानना मुश्किल होता है, क्योंकि इसके लक्षण बहुत आम होते हैं और अक्सर इन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। पेट में सूजन, पेट में दर्द, भूख न लगना और थकान इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं।

फेफड़े का कैंसर

दिल्ली में महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर भी तेजी से बढ़ रहा है। इस कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान है, लेकिन प्रदूषण और खराब वायु गुणवत्ता भी इसके खतरे को बढ़ा देती है।

कोलोरेक्टल कैंसर

दिल्ली की महिलाओं में कोलोरेक्टल कैंसर यानी बड़ी आंत और रेक्टल कैंसर भी पाया जा रहा है। अनियमित खान-पान, जंक फूड का अधिक सेवन और कम फाइबर वाला आहार इसका मुख्य कारण है।

जागरूकता एवं रोकथाम

नियमित स्वास्थ्य जांच : समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराते रहें।
संतुलित आहार : पौष्टिक और संतुलित आहार लें।
व्यायाम : नियमित व्यायाम करें।

तंबाकू और शराब से बचें : तंबाकू और शराब का सेवन न करें।
टीकाकरण : सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी टीकाकरण करवाएं।