संसद भवन परिसर में 19 दिसंबर को भाजपा और कांग्रेस सांसदों के बीच हुए हंगामे में घायल भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। धक्कामुक्की के दौरान दोनों सांसद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। प्रताप सारंगी के सिर में चोट आई, जबकि मुकेश राजपूत बेहोश हो गए थे।
कैसे हुआ विवाद?
संसद भवन के मकर द्वार पर कांग्रेस और भाजपा सांसदों के बीच बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर टकराव हुआ।
- कांग्रेस: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के विरोध में मार्च निकाल रही थी।
- भाजपा: कांग्रेस पर झूठ की राजनीति का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर रही थी।
इस दौरान दोनों दलों के सांसद आमने-सामने आ गए, और बात धक्कामुक्की तक पहुंच गई।
घायलों की स्थिति
आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया:
- प्रताप सारंगी: सिर में चोट लगने के कारण गहरा घाव हुआ और ज्यादा रक्तस्राव हुआ। उन्हें टांके लगाने पड़े।
- मुकेश राजपूत: घटना के दौरान बेहोश हो गए और एहतियातन आईसीयू में भर्ती कराया गया।
दोनों सांसदों को अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।
प्रताप सारंगी ने राहुल गांधी पर लगाए आरोप
घायल प्रताप सारंगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया, जिससे वह उनके ऊपर गिर गए।
उन्होंने कहा, “मैं सीढ़ियों के पास खड़ा था। राहुल गांधी आए और एक सांसद को धक्का दिया, जो मेरे ऊपर गिर गए। इसके बाद मैं भी नीचे गिर गया और सिर में चोट लग गई।”
राहुल गांधी का पक्ष
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा पर जवाबी हमला किया।
उन्होंने कहा:
- “यह सब कैमरे में रिकॉर्ड हो सकता है। भाजपा सांसद हमें रोकने और धमकाने की कोशिश कर रहे थे।”
- “मैं संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन भाजपा सांसदों ने मुझे और अन्य कांग्रेस नेताओं को रोकने की कोशिश की। मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी को भी धक्का दिया गया।”
- राहुल गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि यह घटना उनकी संविधान पर हमले और आंबेडकर की स्मृति के अपमान का हिस्सा है।
राजनीतिक बयानबाजी और तनाव
यह घटना संसद के भीतर और बाहर राजनीतिक तनाव का कारण बन गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए हैं:
- भाजपा का आरोप: कांग्रेस का यह प्रदर्शन महज एक “ड्रामेबाजी” है।
- कांग्रेस का आरोप: भाजपा ने बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों और संविधान का अपमान किया है।