अगर HDFC बैंक से 5 लाख का लोन लिया, तो हर महीने कितनी EMI देनी होगी? 3, 4 और 5 साल का पूरा हिसाब, सरल भाषा में
जिंदगी में कभी न कभी अचानक पैसों की जरूरत हम सभी को पड़ जाती है। कभी बच्चों की पढ़ाई के लिए, कभी घर में शादी के लिए, तो कभी किसी मेडिकल इमरजेंसी के लिए। ऐसे समय में बैंक से पर्सनल लोन लेना एक आम और आसान रास्ता नजर आता है। HDFC बैंक जैसे बड़े बैंक से लोन मिलना भी अब पहले से काफी आसान हो गया है।
लेकिन लोन लेने की खुशी में जो सबसे जरूरी सवाल हम अक्सर भूल जाते हैं, वो है - "हर महीने मेरी जेब से कितना पैसा जाएगा?"
अगर आपने 5 लाख रुपये का लोन लेने का मन बनाया है, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि 3 साल, 4 साल या 5 साल में उसे चुकाने पर आपकी EMI (मासिक किस्त) कितनी बनेगी। आइए, इस पूरे गणित को एकदम সহজ भाषा में समझते हैं।
ये EMI आखिर होती क्या है?
EMI का मतलब है 'आसान मासिक किस्त'। इसमें आपके लोन का थोड़ा सा हिस्सा और उस पर लगने वाला ब्याज, दोनों शामिल होते हैं। बैंक आपको एक साथ 5 लाख रुपये दे देता है और आप उसे हर महीने थोड़ा-थोड़ा करके चुकाते हैं। यही EMI है। इसे समझना इसलिए जरूरी है ताकि आपके घर का बजट न बिगड़े।
5 लाख के लोन पर 3, 4, और 5 साल का EMI प्लान
EMI का हिसाब तीन चीजों पर निर्भर करता है - लोन की रकम (₹5 लाख), ब्याज की दर (यह बदलती रहती है, हम यहाँ उदाहरण के लिए 12% मान रहे हैं), और लोन चुकाने का समय।
प्लान 1: जब लोन जल्दी खत्म करना हो (3 साल / 36 महीने)
अगर आप चाहते हैं कि लोन का बोझ सिर से जल्दी उतर जाए, तो 3 साल का विकल्प सबसे अच्छा है।
- फायदा: लोन जल्दी खत्म हो जाता है और आपको कुल मिलाकर ब्याज भी कम देना पड़ता है।
- नुकसान: हर महीने की किस्त थोड़ी ज्यादा होती है, जिससे महीने का बजट टाइट हो सकता है।
- अनुमानित EMI: लगभग ₹16,600 प्रति महीना।
प्लान 2: जब बीच का रास्ता अपनाना हो (4 साल / 48 महीने)
यह उन लोगों के लिए है जो न तो बहुत ज्यादा EMI देना चाहते हैं और न ही लोन को बहुत लंबा खींचना चाहते हैं।
- फायदा: EMI का बोझ थोड़ा कम हो जाता है, जिससे महीने के खर्चों के लिए ज्यादा पैसे बचते हैं।
- नुकसान: 3 साल वाले प्लान से थोड़ा ज्यादा ब्याज देना पड़ता है।
- अनुमानित EMI: लगभग ₹13,200 प्रति महीना।
प्लान 3: जब हर महीने कम पैसा देना हो (5 साल / 60 महीने)
अगर आपकी महीने की कमाई सीमित है या आप पर और भी खर्चे हैं, तो यह प्लान आपकी जेब पर सबसे कम बोझ डालता है।
- फायदा: EMI काफी कम हो जाती है, जिससे आप आसानी से किस्त चुका पाते हैं।
- नुकसान: लोन सबसे लंबे समय तक चलता है, इसलिए आपको कुल मिलाकर ब्याज भी सबसे ज्यादा देना पड़ता है।
- अनुमानित EMI: लगभग ₹10,900 प्रति महीना।
एक नजर में देखें पूरा हिसाब
| लोन चुकाने का समय | हर महीने की EMI (लगभग) | जेब से जाने वाला कुल पैसा (लगभग) |
| 3 साल (36 महीने) | ₹16,600 | ₹5.98 लाख (ब्याज: ₹98,000) |
| 4 साल (48 महीने) | ₹13,200 | ₹6.33 लाख (ब्याज: ₹1.33 लाख) |
| 5 साल (60 महीने) | ₹10,900 | ₹6.55 लाख (ब्याज: ₹1.55 लाख) |
(यह हिसाब 12% सालाना ब्याज दर के अनुमान पर आधारित है। बैंक की दर के अनुसार EMI थोड़ी बदल सकती है।)
आपके लिए कौन सा प्लान सही है?
- 3 साल का प्लान: अगर आपकी सैलरी अच्छी है और आप कर्ज से नफरत करते हैं, तो यह चुनें।
- 4 साल का प्लान: अगर आप EMI और बचत के बीच एक संतुलन चाहते हैं, तो यह आपके लिए है।
- 5 साल का प्लान: अगर आप पर जिम्मेदारियां ज्यादा हैं और महीने का खर्च आराम से चलाना चाहते हैं, तो यह चुनें।
सबसे जरूरी बात
लोन लेने से पहले यह जरूर सोच लें कि क्या आप हर महीने समय पर EMI चुका पाएंगे? एक भी किस्त चूकने पर पेनल्टी लगती है और आपका सिबिल स्कोर खराब होता है, जिससे भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो जाता है। हमेशा उतनी ही चादर फैलाएं, जितने लंबे आपके पैर हों।
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