मजाक नही! हकीकत में लोगों की जान ले रहा है काला जादू, NCRB का डरावना डेटा!

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दुनिया में काला जादू आज से ही नहीं बल्कि सदियों से मौजूद है। इतिहास में भी हमें ऐसी कई घटनाएं मिलती हैं जिनमें काले जादू का जिक्र होता है। हालाँकि, आज के समय में अगर काले जादू के कारण किसी की जान चली जाती है तो यह समाज के लिए चिंता का विषय है।

दरअसल, हाल ही में यूपी के हाथरस से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसमें काले जादू के कारण एक 11 साल के लड़के की मौत हो गई. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. इसके साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि देश में काले जादू या जादू-टोने के कारण कितने लोगों की मौत होती है।

डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर में यूपी के हाथर्स स्थित डीएल पब्लिक स्कूल में स्कूल प्रशासक की कार में 11 साल के बच्चे का शव मिला था. पुलिस ने बच्चे की हत्या के आरोप में स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल और उसके पिता यशोदन समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. अब इस मामले में यह बात सामने आ रही है कि स्कूल संचालक के पिता यशोदना तांत्रिक अनुष्ठान करते थे और उन्होंने स्कूल की तरक्की और कर्ज से छुटकारा पाने के लिए बच्चे की बलि देने का फैसला किया.

मानव बलि पर एनसीआरबी के आँकड़े

आइए अब आपको बताते हैं कि पूरे देश में ऐसे कितने मामले हैं, जिनमें जादू-टोना के कारण इंसानों की बलि दी गई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में देश में नरबलि के कुल 8 मामले सामने आए हैं। वहीं अगर 2014 से 2022 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह संख्या 111 हो जाती है. यह वह संख्या है जिसमें मानव बलि दी गई लेकिन, ऐसे भी कई मामले हैं जिनमें जादू-टोने के संदेह में लोगों की हत्या कर दी गई। आइए अब उन मामलों पर एक नजर डालते हैं.

एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2022 में जादू-टोना के कारण 85 लोगों की जान चली गई. जबकि साल 2021 में ये संख्या 68 थी. डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, 2013 से 2022 तक जादू-टोना के कारण कुल 1064 लोगों की जान गई है। इनमें से अधिकतर मामले उन महिलाओं के हैं जिन्हें डायन बताकर मार दिया गया। बता दें कि छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में डायन बताकर महिलाओं की हत्या की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं।