कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र डॉ. पंत एनएएसआई के आजीवन सदस्य चुने गए

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नैनीताल, 14 अगस्त (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के वनस्पति विज्ञान विभाग के पूर्व छात्र डॉ. श्रीकर पंत को उनके हिमालयी जैव विविधता पर किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी भारत (एनएएसआई) के आजीवन सदस्य (एमएनएएससी) के रूप में चुना गया है।

डॉ. पंत का शोध हिमालयी जैव विविधता के मूल्यांकन, लक्षण वर्णन, संरक्षण, नृवंश विज्ञान और लोगों की भागीदारी पर केंद्रित रहा है। उनका चयन देश की तीन प्रतिष्ठित विज्ञान अकादमियों में सबसे पुरानी एनएएसआई इलाहाबाद ने पादप और कृषि विज्ञान (जैविक विज्ञान) श्रेणी के तहत पूरे देश से 10 शोधकर्ताओं का चयन किया है। इनमें डॉ. पंत भी एक हैं। डॉ. पंत 2007 में बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय में वन पारिस्थितिकी, नृवंशविज्ञान और जैव विविधता संरक्षण पर महत्वपूर्ण शोध कर रहे हैं। उनके शोध प्रकाशनों को 1300 से अधिक उद्धरण प्राप्त हुए हैं। उन्हें रॉयल सोसाइटी ऑफ बायोलॉजी, लिनियन सोसाइटी ऑफ लंदन और द सोसाइटी ऑफ प्लांट रिप्रोडक्टिव बायोलॉजिस्ट (आगरा) की फेलोशिप प्राप्त हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने कहा कि उन्हें मिला सम्मान न केवल डॉ. पंत की व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि कुमाऊं विश्वविद्यालय और नैनीताल जनपद के लिए भी गर्व का विषय है।