नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नागरिकों के लिए एक सलाह जारी की है कि वे ऐसी फर्जी कॉलों पर ध्यान न दें, जिसमें कॉल करने वाले उनके मोबाइल नंबरों को जल्द ही ब्लॉक करने की धमकी देते हैं।
ट्राई ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि दूरसंचार नियामक के संज्ञान में आया है कि ट्राई से होने का दावा करते हुए नागरिकों को बहुत से प्री-रिकॉर्डेड कॉल किए जा रहे हैं। इन कॉल के जरिए नागरिकों को धमकाया जाता है कि उनके नंबर जल्द ही ब्लॉक कर दिए जाएंगे, उनसे कुछ व्यक्तिगत जानकारी देने के लिए कहा जाता है। नियामक ने कहा कि ट्राई संदेशों या अन्य माध्यमों से मोबाइल नंबर डिस्कनेक्शन करने के बारे में ग्राहकों से संचार शुरू नहीं करता है। प्राधिकरण ने कहा कि ऐसे उद्देश्यों के लिए ग्राहकों से संपर्क करने के लिए किसी भी तीसरे पक्ष की एजेंसी को अधिकृत नहीं किया है। इसलिए ट्राई से होने का दावा करने वाले और मोबाइल नंबर डिस्कनेक्शन की धमकी देने वाले किसी भी प्रकार के संचार (कॉल, संदेश या नोटिस) को संभावित धोखाधड़ी का प्रयास माना जाना चाहिए। इसका कोई जवाब नहीं दिया जाना चाहिए।
ट्राई ने कहा कि किसी भी मोबाइल नंबर का बिलिंग, केवाईसी या अन्य दुरुपयोग के कारण डिस्कनेक्शन संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) द्वारा किया जाता है। नागरिकों को सतर्क रहने, संदिग्ध धोखेबाजों के झांसे में नहीं आने, नहीं घबराने और संदिग्ध धोखेबाज का शिकार नहीं बनने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा नियामके ने उन्हें संबंधित टीएसपी के अधिकृत कॉल सेंटर या ग्राहक सेवा केंद्रों से संपर्क करके ऐसी कॉलों की पुष्टि करने की भी सलाह दी है। नियामक ने कहा कि साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए नागरिकों को दूरसंचार विभाग के संचार साथी प्लेटफॉर्म पर चक्षु सुविधा के जरिए संदिग्ध धोखाधड़ी वाले संचार की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस प्लेटफॉर्म को https://sancharsaathi.gov.in/sfc/ पर एक्सेस किया जा सकता है। साइबर अपराध के पुष्ट मामलों के लिए, पीड़ितों को निर्दिष्ट साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ पर या आधिकारिक वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ के माध्यम से घटना की रिपोर्ट करनी चाहिए।