बिहार की राजनीति में खेल' शुरू चिराग के घर में सेंधमारी, कुशवाहा ने अपनी ही सहयोगी पार्टी के नेताओं को तोड़ा

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News India Live, Digital Desk: चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के कई पदाधिकारियों और नेताओं ने अपनी पार्टी को 'टाटा-बाय बाय' बोल दिया है। हैरानी की बात यह है कि ये लोग किसी विरोधी पार्टी (जैसे RJD) में नहीं गए, बल्कि एनडीए की ही सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) में शामिल हो गए, जिसके मुखिया उपेंद्र कुशवाहा हैं।

गठबंधन धर्म पर उठे सवाल?
राजनीति की मर्यादा कहती है कि जब आप एक गठबंधन में होते हैं, तो एक-दूसरे की पार्टियों को तोड़ते नहीं हैं, बल्कि मजबूत करते हैं। लेकिन यहाँ तो उलटा हो गया। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने चिराग पासवान के नेताओं का न सिर्फ़ स्वागत किया, बल्कि उन्हें पार्टी की सदस्यता भी दिला दी।

पटना में हुए इस मिलन समारोह ने सियासी गलियारों में कानाफूसी बढ़ा दी है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या अंदर ही अंदर कुशवाहा और चिराग के बीच 'पावर गेम' चल रहा है?

नाराजगी थी या कुछ और?
जो नेता लोजपा (रा) छोड़कर कुशवाहा के पास गए हैं, उनका कहना है कि वे अपनी पुरानी पार्टी में असहज महसूस कर रहे थे। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा के खेमे का कहना है कि जो भी उनके विज़न के साथ आना चाहता है, उसका स्वागत है। लेकिन सच तो यह है कि राजनीति में एक-एक नेता की कीमत होती है। चुनाव (2025) करीब आ रहे हैं और हर नेता अपनी गोटियां सेट करने में लगा है।

चिराग पासवान के लिए घंटी?
चिराग पासवान फिलहाल अपनी पार्टी को पूरे बिहार में फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे समय में जब उनकी ही सहयोगी पार्टी उनके नेताओं को अपने पाले में कर रही है, तो यह उनके लिए चिंता की बात ज़रूर होगी। इसे 'सेंधमारी' कहा जाए या 'सियासी मजबूरी', लेकिन इतना तय है कि इससे दोनों नेताओं के आपसी रिश्तों में खटास आ सकती है।

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